मंगलवार, 29 नवंबर 2011

.........तो समाजवादी जला देंगे विदेशी दुकाने

                कभी गाँधी जी ने विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया था किन्तु अभी 100 वर्ष भी न बीतने पाए , गाँधी का भजन दिन रात करते न थकने वाले कांग्रेसी अब भारतीय अर्थव्यवस्था की लगाम पुनः उन्हीं अंग्रेजों को सौपने जा रहे हैं | रिटेल में F .D .I . यानि खुदरा बाज़ार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आमंत्रित करना विदेशी व्यापारियों के हाथों अर्थव्यवस्था को गिरवीं रखने जैसा होगा | यूरोपियन मुल्कों सहित अमेरिका के दबाब में कांग्रेस छोटे किसानों और खुदरा व्यवसायियों को बेरोजगार बना कर देश को भयानक मंदी में झोकने की साजिश रच रही हैं |
          समाजवादी पार्टी मल्टी ब्रांड सेक्टर में 51  प्रतिशत हिस्सा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सौंपने को नितांत बेवकूफी भरा कदम और अदूरदर्शिता मानती है | ये भारतीय अर्थ व्यवस्था के विपरीत तो है ही,  राष्ट्र विरोधी भी है | इससे जहाँ स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी बढेगी वहीँ किसान खाद, बीज और पानी तक के लिए विदेशी कम्पनियों का मोहताज हो जायेगा | उपभोक्ता को बाजार का राजा बताने जैसे मसालेदार तर्कों द्वारा प्रस्तुत की जा रही  इस योजना में खामियां ही खामियां और पेंच दर पेंच हैं |
         दर असल मंदी की मार से पंगु हो चुके पश्चिमी देश अपने माल को खपाने के लिए भारतीय बाजारों को ललचाई निगाह से देख रहे हैं | विदेशी व्यापारियों का भारतीय गली मुहल्लों का रुख करने का सारा मामला तभी तय हुआ था जब सोनिया गाँधी पूरे देश को धोखा देकर बीमारी का बहाना बना कर अमरीका रह कर आयीं थीं |
        समाजवादी पार्टी इसे किसानों और छोटे व्यापारियों की अस्मिता और हितों के प्रतिकूल मानते हुए सख्त विरोध करती है और ऐलान करती है कि वाल मार्ट जैसी कम्पनियों को यदि भारतीय बाज़ार में उतार कर गली मुहल्लों में व्यापार करने की अनुमति देने का दुस्साहस केंद्र और राज्य सरकारों ने किया तो समाजवादी कार्यकर्त्ता इन विदेशी दुकानों को जला देंगे और हर कीमत पर खुदरा व्यापारियों के हितों की रक्षा करेंगे |

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