शनिवार, 10 मार्च 2012

आरक्षित सीटों पर भी हाथी धड़ाम !!

               दलितों की सिरमौर होने और दलित राजनीति की नियंत्रक और सञ्चालन कर्ता होने का दंभ पाले बैठी मायावती को ये चुनाव बहुत भारी गुज़रा है । मायावती को करारी हार का इतना अफ़सोस नहीं होगा जितना आरक्षित सीटें हार जाने का । जी हाँ ,  ये कड़वा घूँट मायावती के हिस्से में आया है । दलित हितों का पांच वर्षों तक ढोल पीटने के बाद मायावती ने दलितों के एक बड़े हिस्से का समर्थन न केवल खो दिया बल्कि अपनी दलित राजनीति का आधार कही जाने वाली रिजर्व सीटों पर से भी मायावती का सूपड़ा साफ़ हो गया है ।
              हठी और दलित वोटों की सौदागर मायावती भले ही न मानें लेकिन संकेत साफ़ है कि दलित राजनीति अब करवट ले रही है । अपनी जाति के चक्कर में मायावती ने दलितों में ही न सिर्फ अपने विरोधी पाल लिए बल्कि अपने आधार वोट को भी भ्रमित करने की तैयारी कर ली । सत्ताखोर दलित नेताओं और प्रमोशन पाने को बेताब चंद अफसरों ने मायावती को कभी भी जमीनी हकीकत से रूबरू नहीं होने दिया । नतीजा ये हुआ कि दलितों के ही तमाम अधिकारी/ कर्मचारी बसपा शासन में उत्पीडित रहे, परेशान रहे यहाँ तक कि सस्पेंड पड़े रहे और उनके आंसू पोंछने वाला कोई भी आस पास न था । हद तो तब होगई जब मायावती की सरकार में ही दलितों के प्रमोशन पर कुठाराघात हो गया और माया के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी । जातीय समीकरण बिठाने के चक्कर में मलाई चाटने वालों का जमावड़ा इकठ्ठा कर मायावती जनाधार का मुगालता पाले बैठी रही। आलम ये हुआ कि चुनाव में जनता और पत्रकारों तक के सवालों के जवाब देने की हिम्मत न तो बहन जी की हुयी न उनके प्रत्याशियों की । परिणामतः .वोट खुलते ही हाथी धड़ाम होगया। कोढ़ में खाज की स्थिति ये कि आरक्षित वर्ग की स्वयंभू पैरोकार होने का दम भरने वाली बसपा के आरक्षित प्रत्याशियों को वोट देना तो दूर , उनकी तरफ देखा तक नहीं दलितों ने । हास्यास्पद स्थिति तब हुयी जब माया की जाति वाले भी हाथी पे नहीं चढ़े ।
भले माया अब अपने कैडर कैप चलाए, समीक्षा के दौर चलाये , कमियाँ ढूँढने का प्रयास हो लेकिन दलितों  ने अपना विकल्प तलाशने में देर नहीं की और मायावती को जोरदार झटका देकर बता दिया कि रहनुमा भटक जाते हैं तो पटक दिए जाते हैं ।
प्रदेश की 83 आरक्षित सीटों पर दलगत नतीजे इस प्रकार रहे 
समाजवादी पार्टी - 56 
बसपा- 15
कांग्रेस- 04 
भाजपा- 03
रालोद- 03
निर्दल - 02 ( इसमें एक बाबा गंज (सु०) सीट से श्री विनोद कुमार हैं जो राजा भैया / सपा समर्थन से जीते हैं )