बुधवार, 2 नवंबर 2011

असली विदेशी कौन ?

असली विदेशी कौन ?
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उनका तर्क हैं ब्राह्मण विदेशी हैं । सारे ब्राह्मण कहते हैं हम विदेशी हैं । सारे इतिहासकर कहते हैं ब्राह्मण विदेशी हैं । डीएनए टेस्ट कहता है ब्राह्मण विदेशी हैं । ज्योति बा फुले कहते हैं ब्राह्मण विदेशी हैं । बाबासाहेब कहते हैं हम नागवंशी हैं । नागों और आर्यों की दुश्मनी ही भारत का इतिहास है । बाहरी विदेशी लोग संख्या में हमेशा कम किन्तु अधिक आक्रामक होते हैं जो कि वे हैं । यदि ब्राह्मण भारत के मूल वासी  हैं और उनकी सभ्यता पुरानी है तो फिर वे सिधु लिपि क्यों नहीं जानते ? सीधी सी बात है कि वे विदेशी हैं  । रास्ता एक ही है आज़ादी !आज़ादी !आज़ादी !!..........................
लेकिन हमारे आरक्षण का तो स्वदेशी यानि नागवंशी ही विरोध कर रहे हैं , विदेशी ब्राह्मण नहीं |
मायावती ने १६ पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों का दर्ज़ा देने सम्बन्धी हमारा शासनादेश निरस्त कर दिया |
मीरा कुमार और सुशील शिंदे जैसे मछुआ समुदाय विरोधी तथाकथित नागवंशियों की वज़ह से हमारा SC आरक्षण लटका रहा |
आंबेडकर महासभा के लोग जो भारत में नागवंशियों के ठेकेदार बने हुए हैं ,हमारे आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में खड़े हैं |
क्या आरक्षण मायावती की जाति की जायदाद है ?
क्या पट्टा किया था बाबा साहेब ने कि मायावती की जाति के लिए ही आरक्षण होगा ? 
हम कहाँ जाएँ ?
क्या हमारे लोग नागवंशी नहीं हैं ?
क्या हम विदेशी हैं ?
अफ़सोस कि छद्म नागवंशी अपनी एक जाति के चक्कर में पड़कर ही इस आरक्षण व्यवस्था की जडें खोदने में लगें हैं | पंगु बना देना चाहते हैं ये इसे |

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