बुधवार, 30 नवंबर 2011

अब स्वामी चिन्मयानन्दजी की जेल जाने की बारी

आज शाम विश्व हिन्दू परिषद् और राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य पूर्व केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्दजी के गृह नक्षत्र अचानक पलटी मार गए | स्वामी जी पर उनकी शाहजहाँपुर आश्रम में रहने वाली शिष्या ने बलात्कार और जबरन गर्भपात का आरोप लगाते हुए मारपीट और बंधक बनाने का केस दर्ज कराया है |
                  बता दें कि स्वामी जी आजीवन संन्यास ले चुके हैं और भौतिकता से प्रायः दूर ही रहने का दावा करते हैं | बताया जाता है कि किसी भी क्षण स्वामी जी पर पुलिस का स्वामित्व हो सकता है | मामले की बाबत लोगों का कहना है कि ये मामला पूर्व में भी उखड़ा था किसी कारण वश दब गया था | स्वामी जी की ये शिष्या उनकी सर्वाधिक निकटस्थ कही जाती थी |आश्रम के लोग इन्हें पिता- पुत्री की नज़र से देखते थे |
                 चुनावी घमासान में फंसें भाजपा वाले अपनी कुंडली से पहले से ही परेशान थे ,अब नयी आफत मैनेज किये नहीं बन रही |

मंगलवार, 29 नवंबर 2011

.........तो समाजवादी जला देंगे विदेशी दुकाने

                कभी गाँधी जी ने विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया था किन्तु अभी 100 वर्ष भी न बीतने पाए , गाँधी का भजन दिन रात करते न थकने वाले कांग्रेसी अब भारतीय अर्थव्यवस्था की लगाम पुनः उन्हीं अंग्रेजों को सौपने जा रहे हैं | रिटेल में F .D .I . यानि खुदरा बाज़ार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आमंत्रित करना विदेशी व्यापारियों के हाथों अर्थव्यवस्था को गिरवीं रखने जैसा होगा | यूरोपियन मुल्कों सहित अमेरिका के दबाब में कांग्रेस छोटे किसानों और खुदरा व्यवसायियों को बेरोजगार बना कर देश को भयानक मंदी में झोकने की साजिश रच रही हैं |
          समाजवादी पार्टी मल्टी ब्रांड सेक्टर में 51  प्रतिशत हिस्सा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सौंपने को नितांत बेवकूफी भरा कदम और अदूरदर्शिता मानती है | ये भारतीय अर्थ व्यवस्था के विपरीत तो है ही,  राष्ट्र विरोधी भी है | इससे जहाँ स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी बढेगी वहीँ किसान खाद, बीज और पानी तक के लिए विदेशी कम्पनियों का मोहताज हो जायेगा | उपभोक्ता को बाजार का राजा बताने जैसे मसालेदार तर्कों द्वारा प्रस्तुत की जा रही  इस योजना में खामियां ही खामियां और पेंच दर पेंच हैं |
         दर असल मंदी की मार से पंगु हो चुके पश्चिमी देश अपने माल को खपाने के लिए भारतीय बाजारों को ललचाई निगाह से देख रहे हैं | विदेशी व्यापारियों का भारतीय गली मुहल्लों का रुख करने का सारा मामला तभी तय हुआ था जब सोनिया गाँधी पूरे देश को धोखा देकर बीमारी का बहाना बना कर अमरीका रह कर आयीं थीं |
        समाजवादी पार्टी इसे किसानों और छोटे व्यापारियों की अस्मिता और हितों के प्रतिकूल मानते हुए सख्त विरोध करती है और ऐलान करती है कि वाल मार्ट जैसी कम्पनियों को यदि भारतीय बाज़ार में उतार कर गली मुहल्लों में व्यापार करने की अनुमति देने का दुस्साहस केंद्र और राज्य सरकारों ने किया तो समाजवादी कार्यकर्त्ता इन विदेशी दुकानों को जला देंगे और हर कीमत पर खुदरा व्यापारियों के हितों की रक्षा करेंगे |

सोमवार, 28 नवंबर 2011

लाठी,गोली और जेल - समाजवादी वीरों के आभूषण

समाजवादियों का लाठी ,गोली और जेल से पुराना सम्बन्ध रहा है | आजादी और आज़ादी के पश्चात के आन्दोलनों में जन समस्याओं के लिए लड़ते हुए समाजवादियों ने दर्ज़नों बार जेल यात्राएं की | आपात काल के दौरान तो शायद ही कोई समाजवादी बचा हो जो जेल में न ठूंस दिया गया हो | हमारे नेता माननीय मुलायम सिंह जी तो 14 की आयु में ही लोहिया जी के आव्हान पर नहर रेट आन्दोलन में जेल हो आये थे | मैं विनम्रता पूर्वक कांग्रेसी भाइयों से जानना चाहता हूँ कि लाठी गोली की बात तो छोडिये , क्या राहुल बाबा या सोनिया गाँधी ने जेल का दरवाजा भी देखा है आज तक ? आखिर कांग्रेसी कब तक गाँधी जी की कमाई पर ऐश करते रहेंगे ?  कब तक स्वाधीनता संग्राम के नाम पर  रोटी खाते रहेंगे ?
 तवारीख गवाह है जब जब भी जरूरत आन पड़ी, समाजवाद के आशिकों ने अपनी जान के नजराने पेश किये हैं | लाठी, गोली और जेल तो समाजवादी वीरों के आभूषण रहें हैं | समाजवाद के अनुयाइयों ने सत्ता की हनक दिखाने वाले हर हिटलरशाह को मुंह तोड़ जवाब दिया है | व्यवस्था जब जब अपने रास्ते से भटकी है , समाजवादियों ने हल्ला बोल कर निजाम बदल डाला है | अपने नेता आदरणीय मुलायम सिंह यादव के आह्वान पर समाजवाद के सिपाहियों ने हर जोर ज़ुल्म से टक्कर ली है | मोर्चा छोड़ कर भागे नहीं, डरे नहीं और झुके तो बिलकुल भी नहीं...................जय हिंद - जय समाजवाद !!

शनिवार, 26 नवंबर 2011

दलित और अति पिछड़े करें माया का बहिष्कार


कल मायावती दलित और अति पिछड़ों को अपने मायाजाल में फांसने के लिए नयी चाल चल रही है और दलित अधिकार महासम्मेलन बुला रही है | पौने पाँच साल तक दलित महिलाओं को इसके विधायक नोचते रहे | १२ -१३ साल की लड़कियों के बलात्कार आम हो गए | दलितों की ज़मीनों पर इसके विधायकों और पार्टी नेताओं ने कब्ज़े कर लिए | चमार जाति को छोड़ कर यूपी की 65  SC  जातियां विकास के लिए मायावती और इसके निष्ठुर जंगली हाथी का मुंह ताकती रहीं | यूपी में दलितों के  प्रमोशन में आरक्षण को खुद सतीश मिश्र के लोगों ने रुकवा दिया | कोर्ट में भी बहन जी के वकील सोते रहे .उनसे कुछ बोलते नहीं बना | घटिया निर्माण का एशियाई रिकार्ड यानि कांसीराम आवास इसके कार्यकर्ताओं ने जबरन कब्ज़ा लिए | दलितों के घर आज भी कच्चे हैं | खटिक, कोरी , बाल्मीकि, पासी, कंजड़, धानुक, हेला, धोबी, गोंड, तुरैहा, खरबार ,मंझवार, बेलदार, बावरिया, ग्वाल, नट, मजहबी आदि गैर चमार वर्ग को आरक्षण के बावजूद माया सरकार में कुछ भी नहीं मिला |
             अपनी जाति को मलाई चटवाने के चक्कर में मायावती ने कोरी जाति के लोगों का SC आरक्षण रुकवा दिया कि ये लोग जुलाहे होते हैं , कोरी नहीं इत्यादि | ये षडयंत्र नहीं तो और क्या है ? यूपी का कोरी समाज आज खून का घूँट पिए बैठा है |
             SC में आरक्षित होते हुए धनगर, खटिक, चिक- चिकवा , पासी , गौड़ ,तुराहा, मंझवार ,बेलदार आदि जातियों को कतिपय जनपदों में प्रमाणपत्र तक निर्गत नहीं किये गए |
            ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मचारियों के पदों पर नियुक्ति जो कि नियमानुसार बाल्मीकि समाज को संवैधानिक पैतृक काम धंधे (Customry Rights ) के आधार पर देनी चाहिए थी | लेकिन उसकी जगह बाल्मीकि भाइयों के अधिकार बसपा जिलाध्यक्षों ने 50  - 50  हज़ार रूपये लेकर नीलाम कर दिए  | आज सफाई तो बाल्मीकि भाई ही कर रहे हैं लेकिन सरकारी कर्मचारी बन कर नहीं बल्कि सरकारी कर्मचारी का मजदूर बनकर | ये है माया राज की असलियत | ये है सामाजिक न्याय की हकीकत और ये दलित अधिकार के नाम पर अपनी जाति को नवाजने का षड्यंत्र |
माया राज का देखो हाल |
दस खाए तेईस का माल||
बसपा लूट मचाये खासी|
अबतो जागो अरे पिच्चासी ||

            मुलायम सिंह यादव जी की पूर्व सरकार में पिछड़े वर्ग की 17  जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने सम्बन्धी प्रस्ताव को जो कि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जन जाति शोध एवं प्रशिक्षण संसथान के सर्वे के उपरान्त सरकार की संस्तुतियों पर विधान सभा से पास करा कर केन्द्रीय सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा था और शासनादेश जारी किया था ,जिससे इन पिछड़े वर्गों को SC का लाभ भी मिलने लगा था | उसे मायावती ने अपनी जाति का नुक्सान जान कर रुकवा दिया और सरकार बनाने पर मूल फ़ाइल केंद्र सरकार से वापस मँगा कर निरस्त करवा दी | इस प्रकार स्पष्ट है कि बसपा और इसकी नेता मायावती प्रदेश में निवासरत कश्यप, कहार , निषाद,  मल्लाह, केवट , मांझी, धीवर, धीमर ,मछुआ , बिन्द, रायकवार, बाथम ,गौड़, भर-राजभर, कुम्हार-प्रजापति  जातियों की खुली दुश्मन है और इन्हें सत्ता के नशे में तबाहो बर्बाद कर देना चाहती है | अगर अपने अंजाम से ये जातियां आज न चेती तो आने वाला समय इनकी पीढ़ियों पर भारी पड़ेगा |
          समता मूलक समाज का ढोंग रचने वाली मायावती ब्राहमणों के लिए तो बेशर्म होकर केंद्र सरकार से आरक्षण मांगती है लेकिन जब 17 पिछड़े वर्गों को SC का लाभ देने की बात आती है तो आंबेडकर महासभा के लोगों को कोर्ट में खड़ा करके स्टे आर्डर ले आती है | ये मायावती का दोगला, दगाबाज़, और राजनैतिक चरित्र हीनता से परिपूर्ण चेहरा है |
          हो सकता है कल के सम्मलेन में इन वर्गों को पुनः SC में डालने का भ्रामक और गुमराह करने के लिए  ऐलान भी कर दे |
           पिछड़े वर्ग की जातियों के संवैधानिक पैतृक काम धंधे (Customry Rights ) को जिसमे मछुआ समुदाय के बालू खनन के पट्टे, मत्स्य पालन के पट्टे , नदी घाट पर नौका सञ्चालन के पट्टे नीलामियों / बोलियों के जरिये पूंजीवादियों को बेचने का काम किया है | कुम्हारी कला हेतु भूमि के पट्टे जो मुलायम सिंह जी की सरकार ने प्रजापति समाज को आबंटित कर मिटटी चोर जैसे कलंक को मिटाने का कार्य किया था , उसे मायावती सरकार ने निरस्त कर SC वर्ग में अपनी जाति के लोगों को देने का पक्षपाती कार्य किया | जो असंवैधानिक तो है ही मानवता के प्रतिकूल भी है |
           शर्म की बात है कि निजी फायदे में माया की चरण वंदना में लीन सुखदेव राजभर और राम अचल राजभर जैसे स्वार्थी लोग तमाशा देखते रहे और भर राजभर जातियों की आरक्षण सुविधा छीन ली गयी |
           गैर चमार दलित और SC आरक्षण से ठोकर मार कर बाहर कर दिए गए अति पिछड़े वर्गों के लोगों से माया अब क्यों अपेक्षा कर रही है | पोने पांच साल तक अपमान और तिरस्कार का दंश झेल रहे गैर चमार दलित और अति पिछड़ेवर्ग के लोग मायावती को ठोकर मार कर सत्ता से बाहर करने के लिए तैयार बैठे है |
जिस खेत से दहकाँ को मयस्सर न हो रोज़ी |
उस खेत के हर गोशा ए गंदुम को जला दो ||
सब मिलके पुकारोगे तो लौटेंगे मुलायम |
आओ मेरी आवाज़ में आवाज़ मिला दो ||

शनिवार, 19 नवंबर 2011

नहीं होने देंगे प्रदेश का विभाजन

मायावती का हर दांव जल्द बाज़ी में अब उल्टा पड़ रहा है |
चुनाव में खुद को पिटता देख और समाजवादी पार्टी को बढ़त लेता देख बौखला गयी है मायावती | आलम ये है कि सरकार के एक दर्ज़न से ज्यादा मंत्रीगण लोकायुक्त के चंगुल में हैं और जनता के मध्य जाने की हिम्मत न तो बसपा के नेताओं में है न स्वयं मुख्यमंत्री में | हर रोज़ नया पैंतरा चलकर उल्टा सीधा गणित बैठाकर देखती है | लेकिन जिस सरकार की गर्दन जनता के हाथ में आ चुकी हो वो अब बचने वाली नहीं है | लोग मायावती का लूट तंत्र और गुंडाराज कैसे भूल सकते हैं | बलात्कारियों की अंगरक्षक बनी मायावती  के कारनामे याद करते ही लोगों के मुंह का जायका कड़वा हो उठता है | लोग गुस्से में आकर थूक देते हैं |
समाजवादी जोड़ने में विश्वास करते हैं जबकि जातिवादी मायावती तोड़ने में | ये नीति इंसानियत और समाज की दुश्मन तो है ही ये नीति दुश्मन है भाईचारे की | भाषा के नाम पर , क्षेत्र के नाम पर , संस्कृति के नाम , जातीय बहुलता के नाम पर प्रदेश को बांटने से क्या हासिल होगा ? कल ब्रज प्रांत की मांग उठेगी , रूहेलखंड की मांग उठेगी, कौशल प्रदेश की मांग उठेगी, बौद्ध प्रदेश की मांग उठेगी ,चम्बल प्रदेश की मांग उठेगी ,तराई प्रदेश की मांग उठेगी, विन्ध्याचल की मांग उठेगी   |  उर्दू प्रदेश ,गंगा प्रदेश ताज प्रदेश आदि की आवाजें दबे स्वर आती रही हैं | इस तरह तो प्रमाणित हो जायेगा की नक्सलवादियों की मांगे जायज़ हैं |
दर असल विकास का सपना दिखा कर भावनाएं  भड़काने वाले भूल जाते हैं कि विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जो सत्ता की नीयत/मंशा  पर निर्भर करती है | नीयत होने पर नीति बनती है ,नीति बनने पर योजना बनती है | योजना बनने पर बजट में प्रावधान किये जाते हैं जिसके फलस्वरूप विकास को मूर्त रूप दिया जा सकता है | इसमें क्षेत्र वाद या असंतुलित विकास का रोना वो ही लोग रोते हैं जिन्होंने पांच साल संसाधनों की अनदेखी की हो और जिन्हें चुनाव के वक़्त बहानों का पिटारा खोलना हो |
 समाजवादी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि राज्य का बटवारा किसी भी दशा में उचित नहीं है  | छोटे छोटे राज्यों के निर्माण को जो तर्क दिए जा सकते हैं वो ही तर्क छोटे छोटे राष्ट्रों के लिए भी दिए जा सकते है और तर्क के आधार पर लोग उसे प्रमाणित भी कर देंगे | इसका मतलब ये तो कतई नहीं कि वे सही हैं| ये निसंदेह विघटन कारी प्रब्रत्ति है ,नुकसानदायक है |
 इतिहास उठा कर देखा जाये तो महत्व उसे ही मिला है जो बड़ा है , शक्तिशाली है, बहुमत वाला है, विस्तार वाला है | जबकि छोटे राज्यों को कहीं भी तबज्जो नहीं मिलती | भारत के छोटे छोटे टुकड़ों में बंटे होने के कारण ही अंग्रेजों ने हमें आसानी से गुलाम बना लिया | छोटे राज्य ताक़त में कमज़ोर थे सो लड़ न सके |
आज की संसदीय प्रणाली में भी बहुमत का ही रुतबा है | बड़े राज्यों के सांसद मिलकर अगर ठान लें , तो क्या मजाल जो लोक सभा / राज्यसभा चल जाए | यही सांसद अपने संख्याबल से राज्यों का हित सुरक्षित करते हैं | केंद्र तभी पैसा देगा जब राज्य के सांसद बहुमत से मांग करेंगे | 574 सांसदों वाली लोकसभा में सात आठ सदस्य चीख कर थक जाते हैं | उनकी कोई सुनता तक नहीं | बड़े राज्यों के मुख्यमंत्री का दखल भी केद्र सरकार में कहीं अधिक रहता है |
सबसे बड़ी बात ये है कि मायावती उ० प्र० को जड़ से समाप्त करना चाहती है  जो इसकी विध्वंसकारी मानसिक प्रवृति को इंगित करता है | फिर ये राज्य निर्माण को लेकर किसी भी प्रकार से गंभीर नहीं है , ये तो केवल बहका कर, गुमराह करके और भ्रम रुपी मायाजाल फैला कर लोगों को फांसना चाहती है ताकि येन केन प्रकारेण सत्ता में बनी रहे | ये प्रपंच है मतदाता को भरमाने का | छल है महंगाई और भ्रष्टाचार से जूझ रहे लोगों से और जुगत है सत्ताखोरी की |
लेकिन समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश वासियों के प्रति अपने गुरुतर दायित्व को समझती है और ऐलान करती है कि प्रदेश विभाजन के बसपा मुखिया के सभी प्रयासों का करारा जवाब देगी | किसी भी दशा में इस प्रस्ताव को सदन में आने ही नहीं देगी और यदि आया भी इस प्रस्ताव के साथ साथ सरकार को गिराने से भी नहीं चूकेगी क्योंकि अब माया सरकार बहुमत में नहीं अल्पमत में है |




गुरुवार, 17 नवंबर 2011

हमारा एक मात्र विकल्प - नेता जी श्री मुलायम सिंह और समाजवादी पार्टी

निषाद समाज की सभी समस्याएं जिनमे समाज की सभी जातियों को यूपी में अनुसूचित जाति घोषित करा कर आरक्षण के जरिये विकास के नए मार्ग प्रशस्त करना, समाज के गरीब लोगों के पैत्रक कार्य (Customry Right ) जिनमे बालू खनन, मत्स्य आखेट के पट्टे, एवं नदी घाट नौका सञ्चालन का ठेका, जो वर्तमान में मायावती सवर्ण जातियों को नीलामी/ बोली प्रथा द्वारा बेच रही है , को पुनः मछुआ समुदाय को आवंटित करना सहित समाज में शिक्षा की बेहतर व्यवस्था हेतु विशेष प्रबंध , जल पुलिस में आरक्षण एवं समाज के उत्पीडन को रोकने के लिए SCST आयोग की तर्ज पर मछुआ आयोग का गठन सम्बन्धी मुद्दों पर समाजवादी पार्टी और नेता जी श्री मुलायम सिंह जी की स्पष्ट राय है | ये बिन्दु चुनावी घोषणा पत्र में तो हैं ही , पार्टी के लगभग सभी अधिवेशनों में इन मुद्दों पर प्रस्ताव भी पारित किये जाते रहे हैं जो प्रमाण है कि इन मुद्दों पर समाजवादी पार्टी ही गंभीर है अन्य राजनैतिक दल नहीं |
बसपा ने समाज का SC आरक्षण निरस्त करा दिया , मूल पत्रावली भी केंद्र से वापस मंगा ली , शायद अब नष्ट भी कर दी हो तो आश्चर्य नहीं | कांग्रेस चाहे तो आज हमारी मांग पूरा कर दे लेकिन इन मुद्दों पर न तो कांग्रेस को ज़मीनी जानकारी है न रूचि | भाजपा पूंजीवादी सोच रखती है , उससे उम्मीद करना व्यर्थ है |
ऐसे में एकमेव विकल्प और उम्मीद समाजवादी पार्टी और नेता जी श्री मुलायम सिंह जी ही हैं जो इन मुद्दों पर आगे आकर लड़ रहे हैं | भूलना भटकना ,बहकना और बँट जाना  निषाद जातियों की नियति रही है | लेकिन इस बार लड़ाई आस्तित्व की है, मान सम्मान की है, स्वाभिमान की है | दुनिया की नज़रें हैं हम पर कि हम क्या निर्णय लेते हैं | उनका समर्थन करेंगे जो हमारे आरक्षण के लिए काम करता रहा है या उनका जो हमें बाँट कर अपनी जातियों को फायदा पहुँचाने में सिद्धहस्त रहे हैं |  मछुआ समुदाय से अपील है कि पुरजोर समर्थन दें | 
ये हमारे आस्तित्व की लड़ाई है |

सोमवार, 14 नवंबर 2011

तुम मुझे वोट दो , मैं तुम्हे आरक्षण दिलाऊंगी


मायावती ने ब्राहमणों को फिर से लाली पॉप निकाल कर दिखाना चाहा है | अब तक आरक्षण विरोधी माने जाने वाले ब्राहमणों के लिए तो मायावती बेशर्म होकर आरक्षण मांग रही है लेकिन गरीब और सामाजिक आर्थिक रूप से अनुसूचित जातियों से बदतर हालत में जिंदगी गुज़ार रहे मछुआ समुदाय के लोगों का आरक्षण निरस्त कर देती है | इतने से जी नहीं भरा तो इसने  मछुआ समुदाय के पैतृक कामधंधों (Customry Right) जैसे मत्स्य पालन, बालू खनन, नाव घाट ठेका को भी इस समाज से छीन कर नीलामी प्रथा के जरिये पूँजीवादियों को सौंप दिए हैं  |
           ये है मायावती का दोगला, दोहरा, दगाबाज़ और राजनैतिक चरित्रहीन चेहरा  | यही चेहरा लगाकर इसने समाज में  जातपांत की खाई को और अधिक चौड़ा करने का कार्य किया है | सत्ता हासिल करने की जुगत में मायावती समाज के सभी वर्गों को बरगला रही है और आरक्षण के नाम पर दूकान खोल कर बैठ गयी है | किस किस को आरक्षण देगी............. | सच्चाई ये है कि आज तक इसने अपनी जाति के अलावा किसी को आरक्षण लेने नहीं दिया है  | इस प्रकार मायावती ने अपनी कार्य शैली से आरक्षण की परिकल्पना और इसकी सार्थकता पर ही सवालिया निशान लगा दिया है | जब चहेता समाज आरक्षण पायेगा और विरोधी समाज चाहे वो लाख पात्र हुआ करे आरक्षण का  , कोर्ट कचहरी और सचिवालयों में धक्के खायेगा | तो वंचित लोगों का व्यवस्था से जी उबकाना स्वाभाविक ही है | मज़े की बात ये है की मायावती के इन कारनामों से बाबा साहब आंबेडकर का मिशन चलाने का दावा करने वाले तथाकथित दलित नेता भी अनभिज्ञ नहीं हैं लेकिन मायावती ने सत्ता की हनक में सत्ता खोर दलित नेताओं की ऐसी जमात तैयार की है जो सिर्फ मायावती की जाति के ही हैं और जो येन केन प्रकारेण सत्ता हथियाने की फ़िराक में सम्पूर्ण दलित समाज के विभाजन की ज़मीन पर माया की सत्ता का काला ताज महल बनाने का ख्वाब देख रहे हैं | बाबा साहब के मिशन में तो अब सवर्ण और आरक्षण विरोधी प्राण प्रतिष्ठित हो रहे हैं | मनुवाद के खाद पानी से बाबा साहब आंबेडकर के मिशन को पुष्पित पल्लवित करने का षड्यंत्र और दुस्वप्न देख कर मायावती ने बाबा साहब के उस वक्तव्य पर मुहर लगाने का कार्य किया है जिसमे उन्होंने कहा था कि हमारे मिशन को तोड़ने वाला बाहरी नहीं , हमारे बीच का होगा | आज कांसी राम जी यदि जीवित होते निसंदेह आत्महत्या कर लेते |
मायावती ब्राहमणों से सच ही तो कहती है कि ब्राहमण मुख्यमत्री से ब्राहमणों को कभी फायदा नहीं होगा और  ब्राहमण, गैर ब्राहमण मुख्यमंत्री के होते हुए ही विकास कर सकते हैं |  ठीक उसी तरह जैसे दलित मुख्यमंत्री मायवती के होते हुए वंचित , शोषित  ,पीड़ित , और बहिष्कृत दलित जो माया कि जाति के नहीं हैं , धक्के  खाने को विवश हैं इस माया राज में |

शनिवार, 12 नवंबर 2011

माया सरकार अल्पमत में आ चुकी है


मायावती की सरकार अल्पमत में आ चुकी है | इसे अब एक मिनट भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है | शीतकालीन सत्र में इस अल्पमत की सरकार को हटा कर विधान सभा भंग कराकर राज्यपाल चुनाव कराएं | 50 से ज्यादा विधायकों का टिकट कट जाने बसपा सरकार को शीतकालीन सत्र में जान बचाने के लाले पड़ जायेंगे | आरक्षण के नाम पर मुस्लिम समेत सवर्णों को छलने के लिए प्रस्ताव बनवाये बैठी मायावती के प्रदेश के चार  टुकड़े  करने के सपने धरे के धरे रह जायेंगे क्योकि कल तक इसकी जय जयकार करने वाले इसके 50 से ज्यादा टिकट कटे विधायक अब खुले आम हायहाय पर उतारू हैं और अपने भविष्य के लिए सपा समेत अन्य दलों का मुंह तक रहें हैं | इनके द्वारा अब सरकार का समर्थन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता | एक दर्ज़न से ज्यादा बसपा विधायक जेल में बंद हैं | तमाम भ्रष्ट मंत्री लोकपाल ने दबोच लिए | जिनके टिकट कटे वो चीखें मारें सो अलग | कुल मिला कर मायावती की हवाईयें उड़ीं हुयी हैं |  इस ऐतबार से अल्पमत की सरकार को नीति गत निर्णय लेने का भी कोई हक नहीं रह जाता | चतुर माया इस स्थिति को पहले से भांप भी चुकी है | इसलिए राज्यपाल से मिलकर विधान सभा भंग कराकर कार्यवाहक मुख्यमंत्री (केयर टेकर ) बने रहना चाहती है | जबकि अल्पमत मुख्यमंत्री न तो विधान सभा भंग करा सकता है, न कार्यवाहक बना रह सकता है | समाजवादी पार्टी शीतकालीन सत्र में ही इस अवैध सरकार से प्रदेश का पीछा छुड़ाने को कमर कस चुकी है ताकि प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव हो सकें और आम जनता के मन से बेईमान सरकारी मशीनरी का खौफ हट सके |

शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

मायावती ने बलात्कार मामलों में गोल्ड मेडल दिलवाया प्रदेश को

 शीतकालीन सत्र में कमला कुशवाहा दुराचार मामले को विधानसभा व संसद में उठाया जाएगा। कमला की लड़ाई समाजवादी पार्टी की जंग है जो मंत्री को जेल पहुंचाने तक लड़ी जायेगी। प्रदेश ने बलात्कार मामलों में गोल्ड मेडल हासिल कर लिया है। यह बात सपा के राष्ट्रीय महासचिव व तिंदवारी विधायक विश्वंभर प्रसाद निषाद ने पत्रकार वार्ता के दौरान चित्रकूट में कहीं।
पूर्व सांसद श्यामाचरण गुप्त ने कमला को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद गुरुवार को पार्टी कार्यालय दी। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री श्री निषाद ने कहा कि कमला कुशवाहा ने कोर्ट में कलमबंद बयान में ग्राम्य विकास मंत्री दद्दू प्रसाद पर दुराचार करने का आरोप लगाया है लेकिन प्रदेश की सरकार ने बिना किसी जांच के ही मंत्री को क्लीन चिट दे दी।जो कि न्याय पालिका का खुल्लम खुल्ला मजाक है |
उन्होंने कहा कि बसपा सरकार में थाने बिक रहे हैं। कोई एफआईआर बिना पैसा नही लिखी जाती। कमला का मामला मंत्री से जुड़ा है इसलिए सरकार दबा रही है। इस सरकार में बलात्कार की घटनाओं ने प्रदेश को बदनाम कर दिया है।
तिंदवारी विधायक ने बताया  कि लोकायुक्त की जांच में बसपा सरकार के आधे मंत्री और तमाम विधायकों पर दोष सिद्ध हो चुका है। कई तो जेल में हैं। जल्द ही चुनाव आयोग से प्रदेश सरकार के कारनामों की शिकायत की जायेगी और विधानसभा भंग कर फरवरी में चुनाव कराने की मांग करेंगे। 21 नवंबर से शुरु होने वाले शीतकालीन सत्र में कमला कुशवाहा का मामला सड़क से विधान सभा और लोकसभा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि कमला का मामला सपा उठा रही है तो उसे न्याय भी दिलाएगी। सरकार पीए अंगद को जेल भेजकर मंत्री को बचाने का काम कर रही है लेकिन सपा सभी दोषियों को जेल भिजवा कर ही  दम लेगी। श्री निषाद ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि एक भ्रष्ट तो दूसरी महाभ्रष्ट सरकार है। दोनों जनता को लूट रही हैं। पेट्रोल और उर्वरक के दाम बढ़ा दिए है। यदि दोनों सरकारें पेट्रोल से अपना टैक्स वापस ले लें तो पेट्रोल सस्ता हो जाएगा। वे बाबा रामदेव और अन्ना हजारे का समर्थन करते हैं। विदेशों मे जमा काला धन वापस आना चाहिए। देश के बैंकों से काँग्रेस सुप्रीमो का विश्वास उठ गया है इसलिए इटली के बैंकों को भारत ले आई हैं।

मैं भी शामिल हूँ नींव की ईंट में

कह दो मठाधीशों से,
तुम्हारे मठ का खम्भा ,
छत और घंटा तलक ,
है मेरे उन्ही फेंके गए सिक्कों का परिणाम ,
जो कमाया है मैंने अपनी उसी आजीविका से ,
जिसे तुम समझते हो तुच्छ, हीन और हेय |
तुम्हारे कम्बल ,चादर और तकियों में ,
शामिल है मेरे बदन की बदबू,
तुम्हारे भोग भंडारे में,
बूँदें है मेरे उस पसीने की  ,
जो सर से चल कर आ पहुंचा था मेरे जूतों तक  ,
तुम्हारा  मल ढोते ढोते |
तुम्हारे आराध्य के आभूषण में
है मेरा भी एक रत्न ,
जो जुटाया था मैंने चराकर जानवर,
मार कर मछलियाँ और सिल कर जूते |
...........और सुनो नाक भों सिकोड़ते,
तुम खूब जानते हो ,
तुम्हारी मोटी चर्बी ,
कृपा है,
मेरी ही तुच्छ आजीविका की |
तो कैसा दंभ इन दान के पैसों पर ,
क्यों इतराते हो चंदे के भोजन पर ,
फेंके हुए सिक्कों से बना कर आस्था के महल ,
मुझ ही को करते हो बहिष्कृत |

आभार :- अरुण कुमार तुरैहा 

बुधवार, 9 नवंबर 2011

पहले 2007 से गन्ना किसानों का बकाया भुगतान तो कराओ बहनजी

                 चुनाव करीब देख मायावती ने फिर चुनावी पासा फेंक दिया है | अबकी बारी है गन्ना किसानों को बेवकूफ बनाने की |
मुख्यमंत्री सोचती है लोग अब भी सत्तर के दशक में जी रहे है  | गन्ना मोल की अपनी सियासत झाड़ते हुए मायावती कीमतें बढ़ाने का ढोंग कर रही हैं जबकि गन्ना किसान बहन जी की असलियत, फितरत और नीयत से भली भांति परिचित हैं | नए रेट तो क्या दिलवाएगी ,प्रदेश में आज तक 2007  से गन्ना किसानों को बकाया भुगतान नहीं किया जा सका है जो मामूली रकम नहीं करोड़ों में है | 250  रुपये गन्ना भाव करके मुख्यमंत्री ने किसानों को मुंह चिडाने का कार्य ही किया है  | इतने में तो गन्ने की लागत तक हाथ नहीं आ रही किसानों को | खाद के दामों में 40 % की बढोत्तरी अभी हो चुकी है | डीजल के दाम आये दिन केंद्र सरकार बढा रही है | 2007 से डीजल 120  % , खाद के दाम 110 %, मजदूरी 170  % बढ़ चुकी है  | इस प्रकार गन्ना लागत में लगभग 140  % की बढोत्तरी हुयी है | जबकि बहन जी ने 2007 के मुकाबले मात्र अब तक 75 % की बढोत्तरी की है जो की सरासर अन्याय ही नहीं, गन्ना किसानों को बेवकूफ समझना भी  है  | गन्ना किसान इस कडवाहट को वक़्त आने पर जरूर जाहिर करेंगे | पता नहीं मुख्यमंत्री द्वारा घोषित ये नाकाफी मूल्य भी लोगों को मिल पाएगा भी या नहीं या चुनावी चिल्ल पों में दबकर रह जायेगा |
हमारी मांग है गन्ने का भाव 300  रुपये से एक रुपया भी कम न हो |

सोमवार, 7 नवंबर 2011

माया का गुंडा राज : ईमानदार पुलिस वालों पर टूटा पुलिसिया कहर |


माया की हिटलर शाही और मनमर्जी अब अफसरान पर भारी पड़ रही है | मुंह खोलने की सजा कुछ भी हो सकती है | निलंबन या बर्खास्तगी ही काफी नहीं |  हो सकता है आपको पागल बता कर जेल भेज दिया जाए | वहां भी जिंदा रहने की कोई गारंटी नहीं , जेल में भी एक सी ऍम ओ अपनी जान से जा चुके हैं | हो सकता है कल तक आपको दनादन सैल्यूट मारने वाला दारोगा ही आपको दौड़ा ले | आप लाख हुआ करें IAS  IPS | माया के राज में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई तो जूनियर ही जुतियाते नज़र आयेंगे |
ऐसा ही हुआ है पुलिस फायर सर्विस के DIG  DD मिश्र के साथ | सरकार के लिए परेशानी का सबब बने DIG  DD मिश्र ने  विभाग में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए  कंट्रोल रूम के रजिस्टर में शासन एवं सभी कुछ अवैध बताया । इससे बड़ा स्कैम संभव नहीं है | मिश्र ने  मायावती सरकार को अब तक की सबसे भष्ट सरकार करार दिया था. मिश्र ने मायावती सरकार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हरमिंदर सिंह की मौत का जिम्मेदार ठहराया. आधिकारिक तौर पर सिंह ने 2010 में गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी. | खुलासा करते ही श्री मिश्र पर विभागीय आतंक का पहाड़ टूट पड़ा | कोई उन्हें पागल कह रहा तो कोई जेल भेजने की धमकी दे रहा | हाकिम ने सुर क्या बदला अपने ही दुश्मन बन बैठे | वर्दी वाले ही वर्दी खींचने लगे  | सत्ता के चहेते जो ठहरे  | घसीटते हुए पुलिस जीप में लाद कर दफ्तर से धकिया दिए गए मिश्र जी | सब साहबी धरी रह गयी |
गुजरात में IPS भट्ट मामले में  मोदी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करने वाले कांग्रेसियों के कानों पर जूँ तलक नहीं रेंगी अब तक | DIG  डीके ठाकुर कहता है कि मिश्र जी का सरकार इलाज़ कराएगी | बता दें ये वही DIG  डीके ठाकुर है जो पागलों की हरकतें करता है | लोहिया वाहिनी के अध्यक्ष आनंद भदौरिया को गिरा कर  गर्दन पर पैर रख कर फोटो खिचवाए थे डीके ठाकुर ने |
माया के इस गुंडा राज में इमानदार सीनियर अफसरान या तो नौकरी छोड़ कर भाग गए कि कौन बेईमानी में शामिल हो या फिर हरमिंदर राज IAS  की तरह मारे गए | माया सरकार के मंत्री से लेकर संत्री /चपरासी तक भ्रष्टाचार में आकंठ डूबें हैं | एक सर्वे के अनुसार.............. यूपी सरकार की एक दिन की भ्रष्ट आचरण की कमाई 20 करोड़ रुपये है | क्या केंद्र सरकार या उनके प्रतिनिधि महामहिम राज्यपाल जी इसका संज्ञान लेंगे ..........|
मुझे तो लगता है जनता को ही इसका संज्ञान लेना होगा |

शुक्रवार, 4 नवंबर 2011

आजादी की लड़ाई में मछुआ समुदाय

आजादी की लड़ाई में मछुआ समुदाय ने भी उग्र आन्दोलन को अपनाया था | हमारी तमाम जातियां ऐसी थीं जो हथियार बनाना जानती थीं और लड़ाकू प्रब्रत्ति की थीं | तीर, तलवार, भाले, ढाल ,खडग, खंजर,नश्तर, बघनखे आदि बनाना हमारे बांये हाथ का खेल रहा था | हमारे तीरंदाज़ बेहतरीन निशाने बाज़ रहे हैं क्योंकि शिकार खेलते खेलते अभ्यस्त हो चुके थे |  कहीं उनमे देश भक्ति की भावना न भर जाये और वे विद्रोह न कर बैठें, इस डर से अंग्रेजों ने 1871 में क्रिमिनल ट्राईब्स एक्ट बनाकर उन्हें अपराधी जाति घोषित कर दिया और शहरों से दूर बसने व खाना बदोश जीवन जीने को मजबूर किया | औरंगजेब ने भाई हिम्मत सिंह जी को जिन्दा कोल्हू में पिरवा दिया | नत्था केवट के बलिदान की याद आज भी ताजा है | सिंगारावेलु शेट्टीयार कानपूर षड्यंत्र केस में जेल गए और साइमन कमीशन का विरोध करते हुए लाला लाजपत राय के साथ गंभीर रूप से घायल हुए थे | मध्य,पश्चिम और दक्षिण भारत के कोली मछुआरों के विद्रोह हमारे शानदार इतिहास को प्रमाणित करते हैं |  विन्ध्याचल ,छत्तीसगढ़ और आन्ध्र के जंगलों में पंजाब के भागे / खदेडे गए मछुआरे आज भी रहते हैं जो आज भी तोप तक बना सकते हैं | आजादी के पश्चात भारत में ज्यादातर कांग्रेसी सरकारें रहीं , जिस कारण दुर्भावना वश कांग्रेसी इतिहासकारों ने आजादी की लड़ाई में हमारे योगदान को नकार दिया और नज़र अंदाज़ कर दिया | मान सम्मान देना तो दूर हमारे लोगों की शहादतों को भी छुपा कर रखा गया | 
जरूरत है कि हमारे युवा अपने इतिहास के प्रमाणों को जुटाएं और दुनिया के सामने रखें |

गुरुवार, 3 नवंबर 2011

मुस्लिमों व गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग : माया का चुनावी स्टंट

चुनाव करीब आते देख मायावती ने बेहद शातिराना अंदाज़ से मुस्लिमों और गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग करके ठीकरा कांग्रेस के सर फोड़ते हुए गेंद केंद्र के पाले में डालने की कोशिश कर इन वर्गों को लुभाने के लिए चुनावी चाल चली है | जबकि चला चली की इस बेला में इस घोषणा का कोई मतलब नहीं रह जाता | साढ़े चार साल तक क्या करते रहे बसपाई ? सत्ता मिलते ही जो हाल मछुआ समुदाय के आरक्षण का पहली ही कैबिनेट बैठक में मायावती ने किया , लोग उसे भूले नहीं हैं अब तक |जो सरकार मछुआ समुदाय के आरक्षण से साढ़े चार साल खिलवाड़ कर बेवकूफ बनाती रही वो किस हक से मुस्लिमों और गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण मांग रही है | एक तरफ तो मछुआ आरक्षण के खिलाफ आंबेडकर महासभा चलाने वाले अपने सजातीय लोगों को भड़का कर हाईकोर्ट से स्टे ले आती है और दूसरी तरफ एक कदम और आगे बढ़ कर मुस्लिमों और सवर्णों को आरक्षण के नाम पर बहका कर ऐसे आरक्षण का सपना दिखा रही है जो बिना संविधान में पर्याप्त संशोधन किये संभव नहीं है |
माया की चुनावी चाल को समझ रहे है सब | इसमें छुपे राजनैतिक निहितार्थ सबके सामने हैं |

बुधवार, 2 नवंबर 2011

असली विदेशी कौन ?

असली विदेशी कौन ?
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उनका तर्क हैं ब्राह्मण विदेशी हैं । सारे ब्राह्मण कहते हैं हम विदेशी हैं । सारे इतिहासकर कहते हैं ब्राह्मण विदेशी हैं । डीएनए टेस्ट कहता है ब्राह्मण विदेशी हैं । ज्योति बा फुले कहते हैं ब्राह्मण विदेशी हैं । बाबासाहेब कहते हैं हम नागवंशी हैं । नागों और आर्यों की दुश्मनी ही भारत का इतिहास है । बाहरी विदेशी लोग संख्या में हमेशा कम किन्तु अधिक आक्रामक होते हैं जो कि वे हैं । यदि ब्राह्मण भारत के मूल वासी  हैं और उनकी सभ्यता पुरानी है तो फिर वे सिधु लिपि क्यों नहीं जानते ? सीधी सी बात है कि वे विदेशी हैं  । रास्ता एक ही है आज़ादी !आज़ादी !आज़ादी !!..........................
लेकिन हमारे आरक्षण का तो स्वदेशी यानि नागवंशी ही विरोध कर रहे हैं , विदेशी ब्राह्मण नहीं |
मायावती ने १६ पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों का दर्ज़ा देने सम्बन्धी हमारा शासनादेश निरस्त कर दिया |
मीरा कुमार और सुशील शिंदे जैसे मछुआ समुदाय विरोधी तथाकथित नागवंशियों की वज़ह से हमारा SC आरक्षण लटका रहा |
आंबेडकर महासभा के लोग जो भारत में नागवंशियों के ठेकेदार बने हुए हैं ,हमारे आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में खड़े हैं |
क्या आरक्षण मायावती की जाति की जायदाद है ?
क्या पट्टा किया था बाबा साहेब ने कि मायावती की जाति के लिए ही आरक्षण होगा ? 
हम कहाँ जाएँ ?
क्या हमारे लोग नागवंशी नहीं हैं ?
क्या हम विदेशी हैं ?
अफ़सोस कि छद्म नागवंशी अपनी एक जाति के चक्कर में पड़कर ही इस आरक्षण व्यवस्था की जडें खोदने में लगें हैं | पंगु बना देना चाहते हैं ये इसे |