शनिवार, 12 नवंबर 2011

माया सरकार अल्पमत में आ चुकी है


मायावती की सरकार अल्पमत में आ चुकी है | इसे अब एक मिनट भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है | शीतकालीन सत्र में इस अल्पमत की सरकार को हटा कर विधान सभा भंग कराकर राज्यपाल चुनाव कराएं | 50 से ज्यादा विधायकों का टिकट कट जाने बसपा सरकार को शीतकालीन सत्र में जान बचाने के लाले पड़ जायेंगे | आरक्षण के नाम पर मुस्लिम समेत सवर्णों को छलने के लिए प्रस्ताव बनवाये बैठी मायावती के प्रदेश के चार  टुकड़े  करने के सपने धरे के धरे रह जायेंगे क्योकि कल तक इसकी जय जयकार करने वाले इसके 50 से ज्यादा टिकट कटे विधायक अब खुले आम हायहाय पर उतारू हैं और अपने भविष्य के लिए सपा समेत अन्य दलों का मुंह तक रहें हैं | इनके द्वारा अब सरकार का समर्थन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता | एक दर्ज़न से ज्यादा बसपा विधायक जेल में बंद हैं | तमाम भ्रष्ट मंत्री लोकपाल ने दबोच लिए | जिनके टिकट कटे वो चीखें मारें सो अलग | कुल मिला कर मायावती की हवाईयें उड़ीं हुयी हैं |  इस ऐतबार से अल्पमत की सरकार को नीति गत निर्णय लेने का भी कोई हक नहीं रह जाता | चतुर माया इस स्थिति को पहले से भांप भी चुकी है | इसलिए राज्यपाल से मिलकर विधान सभा भंग कराकर कार्यवाहक मुख्यमंत्री (केयर टेकर ) बने रहना चाहती है | जबकि अल्पमत मुख्यमंत्री न तो विधान सभा भंग करा सकता है, न कार्यवाहक बना रह सकता है | समाजवादी पार्टी शीतकालीन सत्र में ही इस अवैध सरकार से प्रदेश का पीछा छुड़ाने को कमर कस चुकी है ताकि प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव हो सकें और आम जनता के मन से बेईमान सरकारी मशीनरी का खौफ हट सके |

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