रविवार, 20 अप्रैल 2014

एक ही विकल्प ……समाजवाद !

 
भ्रष्टाचार, महंगाई और निराशा के माहौल में केंद्र की सरकार ने जिस स्थिति में देश को लाकर खड़ा किया है उसके लिए कांग्रेस की नीतियाँ तो जिम्मेवार हैं ही , साथ ही कांग्रेस की चाटुकारिता पूर्ण राजनीति और देश पर अपरिपक्व नेतृत्व थोपने की मंशा भी उत्तर दाई है । राहुल गांधी के बचकाने चरित्र को देश पर लादने की कोशिश और उसके ऐवज में कांग्रेस के जमीनी हकीकत से कोसों दूर जनविरोधी निर्णयों की मार झेलते देश में कांग्रेस के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है । आज युवा , किसान, मजदूर, व्यापारी , छात्र , मध्यमवर्ग , और विशेषकर महिलायें केंद्र में बैठी जनविरोधी सरकार के नकारेपन से खिन्न होकर सत्ता परिवर्तन को तैयार खड़े हैं
धार्मिक उन्माद और सम्प्रदायवाद को अपनी पूँजी मानकर चलने वाले जनसंघ की रणनीति इस चुनाव में फ्लॉप साबित हो रही है । भाजपा शासित राज्यों में हाहाकार और मोदी साहब के फर्जी गुजरात मॉडल की पोल चुनाव से पहले ही खुल गयी । अब यह निर्धारित हो चुका है कि भाजपा बहुमत तो दूर…… उसके आसपास भी फटकने वाली नहीं है। देश में कांग्रेस और भाजपा के विरुद्ध व्यापक स्तर पर माहौल तैयार हो चुका है।
लोकसभा चुनाव बाद समाजवादियों पर बड़ी जिम्मेवारी आने वाली है । आज देश अपना रास्ता समाजवादी विचारधारा में तलाश रहा है । आज समाजवाद राष्ट्र की मजबूरी नहीं .... जरूरत है । अपने घोषणापत्र को दो साल में लागू करके दिखाने वाला उप्र देश का पहला राज्य है । अपने वादे और इरादे पर खरे उतरने वाले समाजवादियों से देशवासियों की अपेक्षाएं यूँ ही नहीं हैं ।

समाजवादियों पर है देश बचाने की जिम्मेवारी

भारत में समाजवाद के प्रवर्तक श्रद्धेय लोहिया जी ने बहुत पहले ही कह दिया था कि समाजवाद ही कांग्रेस द्वारा  पोषित देश की समस्त समस्याओं का एकमेव समाधान है । भारतवासी जिस दिन कांग्रेसवाद और कट्टरवाद की प्रतीक जनसंघी विचारधारा को ठुकरा देंगे उसी दिन समाजवादियों पर देश बचाने  की जिम्मेवारी आ जाएगी  ।
डॉ लोहिया जब तक जीवित रहे गैर कांग्रेस वाद को बढ़ावा देकर जनसंघ की उन्मादी शक्तियों को ललकारते रहे ।  आपने कहा था कि लोग मेरी कीमत मेरे मरने के बाद समझेंगे । लोहिया जी के जाने के बाद ही देश को प्रथम समाजवादी सरकार मिली ।
आज पुनः देश कांग्रेस और भाजपा से मुक्ति के लिए समाजवादियों की ओर निहार रहा हैं ।संघर्ष हम समाजवादियों का इतिहास रहा है, बलिदान हमारी विरासत रही है और युवा हमारी क्रांति के अग्रदूत रहे हैं । जब जब समाजवादियों ने आव्हान किया देश कि जनता ने अटूट समर्थन देकर समाजवादियों को अपना नीति निर्धारक चुनकर सत्ता की जिम्मेवारी सौंपी और भ्रष्टाचार व् सम्प्रदायवाद के विरुद्ध प्रचंड समर्थन दिया ।
महंगाई और लूट से त्रस्त आज देश चौराहे पर खड़ा है और प्रत्येक भारतवासी कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध कमर कस चुका है । संस्कृति और राष्ट्रवाद की झूठी दुहाई देकर देश में उन्मादी राजनीति के माध्यम से नियोजित भ्रष्टाचार , छद्म राष्ट्रवाद , अलगाववाद , नक्सलवाद ,जातिवाद और  नफ़रत का वातावरण फैलाने वाली भाजपा की असलियत सबके सामने है ।
समाजवादी विचारधारा के लोग चुनौतियों से न कभी पहले घबराये …न विचलित हुए और न ही संघर्ष पथ से किसी सूरत डिगे । देश बचाने की जिम्मेवारी जनता ने समाजवादियों को सौंप दी है और हमारे नेता आदरणीय मुलायम सिंह यादव ने इसे चुनौती पूर्वक स्वीकार किया है । जनता के  कांग्रेस और भाजपा से मुक्ति के इस आंदोलन में हम समाजवाद के सिपाही अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार बैठे हैं ।