शनिवार, 22 सितंबर 2012

महंगाई से बड़ा मुद्दा सांप्रदायिक शक्तियों से देश को बचाना

महंगाई निश्चित रूप से बड़ा मुद्दा है  लेकिन सांप्रदायिक शक्तियों से देश को बचाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है | गैस डीजल सहित FDI का विरोध जरूरी है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है देश को विघटनकारी एवं सांप्रदायिक शक्तियों से दूर रखना | आज सांप्रदायिक ताकतों व कट्टरवादियों को सत्ता में आने से रोकना हमारी पहली कोशिश है। सांप्रदायिक शक्तियों को दूर रखने के लिए हम यूपीए सरकार का समर्थन करेंगे। यदि सपा सरकार का समर्थन नहीं करेगी तो इस समय कांग्रेस सरकार गिर सकती है और इससे निश्चित ही सांप्रदायिक पार्टियों व कट्टरवादियों के सत्ता में आने की संभावना बन सकती है | और यदि ऐसा होता है तो इसका सारा दोष हम पर मढ़ दिया जायेगा |

सच तो यह है कि कांग्रेस सरकार गिरते ही देश पर मध्यावधि चुनाव की मार पड़ेगी  | चुनाव प्रक्रिया पूर्ण कराने में लगभग 5000 करोड़ से ज्यादा का खर्चा आता है | समाजवादी पार्टी इसी स्थिति से देश को बचाना चाहती है और
देश में अनावश्यक समय पूर्व मध्यावधि चुनाव नहीं चाहती |
      

समाजवादियों ने कभी भी सांप्रदायिक शक्तियों से मुकाबला करने में मुंह नहीं मोड़ा | हमारे नेता आदरणीय श्री मुलायम सिंह यादव जी ने विषम परिस्थितियाँ होने के बावजूद भी साम्प्रदायिकता से लड़ाई लड़ी है और जीते है। इतिहास गवाह है कि साम्प्रदायिकता की घोर आंधी में भी समाजवादियों के कदम कभी नहीं बहके । राम जन्भूमि बाबरी मस्जिद मामले में भी हमने क़ानून की सर्वोच्च सत्ता का राज स्थापित किया और अपनी सरकार तक की परवाह नहीं की |
अतः समाजवादी पार्टी देश के अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के लोगों को भरोसा दिलाती है कि उनके हितों और भावनाओं के अनुरूप सही वक़्त पर सही निर्णय लेगी |
सांप्रदायिक शक्तियों को दिल्ली की सत्ता से दूर रखने के लिए हम यूपीए सरकार का अभी समर्थन करेंगे।

बुधवार, 19 सितंबर 2012

भारत बंद करें ....आइये विरोध करें !

कल समाजवादी पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा डीजल, गैस सिलेंडर (संख्या निर्धारण ) मूल्य वृद्धि और रिटेल में FDI का विरोध करने का देशव्यापी निर्णय लेते हुए भारत बंद का आव्हान किया है । इसके लिए सपा के जुझारू कार्यकर्त्ता गाँव गाँव और शहर शहर जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। चौतरफा मिल रहे भारी जन समर्थन को देखते हुए कल का भारत बंद सफल रहने की पूरी उम्मीद है । निसंदेह ऐसे विरोध प्रदर्शन निरंकुश हुयी सरकार की नाक में नकेल डालने के लिए जरूरी होते हैं ।
लाख समझाने और विरोध के बाद भी विदेशी दलालों से चारो तरफ से घिरी मनमोहन सरकार FDI लागू करने पर आमादा है । रिटेल में F .D .I . यानि खुदरा बाज़ार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आमंत्रित करना विदेशी व्यापारियों के हाथों अर्थव्यवस्था को गिरवीं रखने जैसा होगा | यूरोपियन मुल्कों सहित अमेरिका के दबाब में कांग्रेस छोटे किसानों और खुदरा व्यवसायियों को बेरोजगार बना कर देश को भयानक मंदी में झोकने की साजिश रच रही हैं |
इसी प्रकार डीजल और गैस जैसे आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को तेल कंपनियों के घाटे के नाम पर जब चाहे तब बढ़ा लेना सरकार का शगल बन गया है । ऐसा लगता है सरकार आम आदमी के लिए नहीं बल्कि तेल कंपनियों के फायदे के लिए बैठी है । डीजल की कीमत बढ़ने का सीधा असर महंगाई पर पड़ेगा और महंगाई दोगुनी तेजी से बढेगी । डीजल की कीमत बढाकर महंगाई कम करने की बात करना हास्यास्पद है और सिद्ध करता है सरकार के नीति निर्धारक मूर्ख और जमीनी सच्चाई से अनजान हैं  ।
          समाजवादी पार्टी डीजल, गैस मूल्य वृद्धि एवं मल्टी ब्रांड सेक्टर में 51  प्रतिशत हिस्सा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सौंपने को नितांत बेवकूफी भरा कदम और अदूरदर्शिता मानती है | इसीलिए FDI का हर स्तर पर विरोध कर रही है ।
आइये , नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव जी के आह्वान पर शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीके से भारत बंद को सफल बनाकर केंद्र सरकार को इसे वापस लेने के बाध्य करें ।

मंगलवार, 11 सितंबर 2012

बंगाल से तलाशेगी सपा दिल्ली की सत्ता के सूत्र

समाजवादी पार्टी पश्चिम बंगाल से दिल्ली की सत्ता का मार्ग प्रशस्त करने निकल पड़ी है । देश भर के अपने जांबाज़ सिपहसालारों को बंगाल में जुटा कर सपा नेतृत्व अपनी तैयारियों को आधार देने में जुट गया है । बंग भूमि क्रांति और परिवर्तन की ऐतिहासिक साक्षी रही है और बंगाल से निकले अनेक आन्दोलनों ने देश की निरंकुश हुयी सत्ता को समय समय पर लगाम  देने के साथ अनुशासन के कठोर चाबुक भी बरसाए है । आज देश 14 वर्षों के द्विदलीय शासनव्यवस्था के वनवास से आजिज आकर बंगाल से किसी नये सूर्योदय की कामना कर रहा है ।
समाजवादी पार्टी का अभ्युदय कांग्रेस और कुत्सित जनसंघी विचारधारा से ऊब कर और वास्तविक आजादी  से कोसों दूर अंग्रेजों से मात्र सत्ता हस्तांतरण किये बैठी कांग्रेस के दो पाटों में पिस रहे आम भारतीय जनमानस की कराह और वेदना की परिणिति के रूप में हुआ । जब जब देश की सत्ता निरंकुश हुयी समाजवादियों ने आगे बढ़ कर संघर्ष का मार्ग चुना और व्यवस्था को अतिक्रमण करने से चेताया। चाहे आपातकाल रहा हो, स्वर्णमंदिर पर सेना भेजने का मामला रहा हो ,दिल्ली में सिखों का कत्लेआम हो अथवा रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद की आग में देश को झोंकने का षड्यंत्र, समाजवादियों ने ही सत्ता में आँख मूंदे बैठे लोगो को सड़कों पर आकर ललकारने का काम किया । आज घोटाले और आर्थिक भ्रष्टाचरण की गंगोत्री सिद्ध हो चुकी कांग्रेस नीत यूपीए 2 सरकार की विफलता और भारतीय जनता पार्टी के सांप्रदायिक चरित्र ने तीसरे संयुक्त मोर्चे की स्वयमेव राह बनाने की पहल कर आरम्भ दी है ।
भारी बहुमत से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुयी समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक सांसदों के बूते दिल्ली की केन्द्रीय सत्ता तक पहुचने का रास्ता बंगाल से तलाशने आ पहुंची है । देश में समाजवादी विचारधारा को परवान चढ़ाने में हमेशा केन्द्रीय कांग्रेसी सत्ता की मुखालिफ रही वामपक्षी पार्टियां आगे रहीं । CPI , CPI (M ), RSP , AIFB , CPI (ML) के साथ साथ  RJD ,AGP , TDP , AIADMK ,MGP , NCP , JMM ,PDP आदि दल आज कांग्रेस से इतर अपना और देश का भविष्य तलाश रहे है । जिसका आधार भी बंगाल बनाने जा रहा है । निश्चित तौर पर समाजवादी पार्टी इन दलों में सबसे मजबूत और बहुमत के नाते नेतृत्वकर्ता की हैसियत में है जो देश में समाजवादी आन्दोलन के भविष्य में और मजबूत होने के साथ साथ निर्णायक भूमिका में रहने की ओर इशारा करता है ।2014 के लोकसभा चुनाव की रणनीति और तीसरे मोर्चे के स्वरुप का निर्धारण इसी अधिवेशन में निर्धारित हो जायेगा । दिनों दिन ढलती कांग्रेस और जनसमस्याओं से विमुख संघर्षहीन भाजपा का विकल्प अब बंगाल से तय होने जा रहा है । बंगाल से तय होने वाले समीकरण ही देश की आगामी राजनीति को प्रभावित और नियंत्रित करेंगे जिसमे समाजवादी अपनी निर्णायक भूमिका निर्धारित कर चुके हैं । समाजवाद का नया सूरज बंगाल से निकलने जा रहा है ।
 

शनिवार, 8 सितंबर 2012

सपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शुरू : बेरोजगारी भत्ता आज से


उत्तर प्रदेश सरकार नौजवानों का खोया सम्मान और आत्मविश्वास पुनः लौटाने जा रही है  । बेरोजगारी का दंश झेल रहे यूपी के बेरोजगार नौजवान अब अपना सर गर्व से ऊँचा कर चल सकेंगे | जी हाँ  ! उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें रोजगार ना दे पाने की एवज में कल से भत्ता देने जा रही है | अब बेरोजगार नौजवानों को अपने छोटे मोटे कामों और नौकरियों में एप्लाई करने के लिए किसी के समक्ष हाथ फैलाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, ना ही मन में बेरोजगार होने की हीन भावना लाने की जरूरत होगी | अब बेरोजगार नौजवानों का सरकार ख्याल रखेगी और रोजगार देने का भरसक प्रयास करेगी और यदि किसी कारण वश रोजगार मुहैय्या नहीं करा पाई तो युवाओं को बतौर मुआवजा बेरोजगारी भत्ता देगी | समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र 2012 में भी यह वादा किया था ,जिसे पूरा करने के कगार पर आज यूपी सरकार खड़ी है |
समाजवादियों की आरम्भ से ही नीति रही है कि  बेरोजगार और बेकार ठहरा दिए नौजवानों के अन्दर सुषुप्त उर्जा को यदि सम्मान देकर देश हित में लगा दिया जाये तो देश को नौजवानों का प्रगतिशील नेतृत्व तो मिलेगा ही देश को नवीन उर्जायुक्त दिशा भी मिलेगी । इसीलिए समाजवादी पार्टी का सदैव विचार रहा है कि नौजवान नीति बनाकर युवाओं में विश्वास और आशा का माहौल बनाकर रोजगार के उचित अवसर सृजित करते हुए खुशहाल वातावरण बनाएं । देश का नौजवान अगर स्वस्थ और प्रसन्नचित है तभी नव निर्माण की ओर अग्रसर होगा । समाजवादी पार्टी युवाओं के इस मिजाज़ को भलीभाँति समझती है ।
श्री मुलायम सिंह यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट बनी इस योजना का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कल से बेरोजगारी भत्ता वितरित कर शुरुआत करेंगे।
  
लखनऊ समेत सात जिलों के लोगों को एक हजार रूपये का चेक देकर मुख्यमंत्री कल काल्विन ताल्लुकेदार्स कालेज के प्रांगण में लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली तथा कानपुर समेत सात जिलों के गत मई, जून तथा जुलाई में आवेदन करने वाले लगभग 10 हजार 500 बेरोजगारों को अगस्त माह तक देय भत्ते की धनराशि के चेक वितरित करेंगे।
  
भविष्य में यह धनराशि हर तिमाही की समाप्ति के बाद बेरोजगारों के खाते में सीधे डाली जाती रहेगी। प्रदेश के बेरोजगार नवयुवकों को गत 15 मई से बेरोजगारी भत्ता देने की योजना शुरू की गयी है। इसके तहत 25 से 40 साल तक की उम्र के कम से कम हाईस्कूल पास बेरोजगारों को एक हजार रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। अब तक लगभग दस लाख से ज्यादा बेरोजगारों ने भत्ते के लिये आवेदन किया है। सपा ने विधानसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था।