शनिवार, 28 अप्रैल 2012

नई जंग के लिए कमर कसे मछुआ समुदाय

प्रिय मछुआ बंधुओं ,
17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने मुद्दे पर प्रदेश सरकार अत्यंत गंभीर है और संकल्पित है कि शीघ्रातिशीघ्र इनवर्गों  को विधि सम्मत संवैधानिक अधिकार उपलब्ध कराएँ जाएँ | प्रधान मंत्री से १४ अप्रैल को संपन्न हुयी माननीय मुख्मंत्री श्री अखिलेश यादव जी की भेंट वार्ता में केंद्र व् प्रदेश सरकार के मध्य इस अति महत्वपूर्ण मुद्दे पर सहमति बनी  है | पूर्व में17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने सम्बन्धी प्रेषित प्रस्ताव को मायावती सरकार दुर्भावनावश केंद्र से मूलरूप में वापस मँगाकर निरस्त कर चुकी है ,ऐसी अवस्था में उत्तर प्रदेश सरकार इन वर्गों पर पुनः मानव शास्त्रीय अध्ययन संपन्न करा कर पूरी मजबूती के साथ दोनों सदनों से प्रस्ताव को आगामी बजट सत्र में पास करवा कर ही भेजने की तैयारी कर रही है ताकि मायावती अपनी जाति के चक्कर में दोबारा कोर्ट का कोई अडंगा न खडा कर दे | उधर केंद्र में बैठी कांग्रेस के हाथ में पूरी शक्ति निहित है कि प्रदेश सरकार के 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने सम्बन्धी प्रस्ताव को माने या न माने | इस लिए संभव है कि राजनैतिक फायदा लेने की गरज से कांग्रेस इस प्रस्ताव को 2014 के लोकसभा चुनाव से टीक पहले मान ले, और हमें अनुसूचित जाति में शामिल करने की पहल करे | समाजवादी पार्टी संसद में इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने और प्रस्ताव को जल्द मंजूर करने हेतु आवश्यक दवाब डालने का कार्य करेगी | मछुआ हितों के लिए सदैव संकल्पित नेता जी श्री मुलायम सिंह यादव का स्वप्न है कि देश का मछुआ समुदाय अनुसूचित जाति /जन जाति का आरक्षण प्राप्त कर राष्ट्र की मुख्य धारा में आगे बढे |
इस जंग में हम लोग अकेले नहीं है हमारे साथ कुम्हार /प्रजापति ,भर-राजभर और लोनिया-चौहान समाज का भी भविष्य दांव पर है और इतनी बड़ी आबादी का हक नकारने का साहस बुरी तरह पराजित और लोकसभा चुनाव से घबरा रही कांग्रेस सरकार में कदापि नहीं है
इसके लिए आवश्यक होजाता है कि हम संगठित रहे और अनुशासित होकर धैर्य पूर्वक अपना काम करें | समाजवादी पार्टी लाखों मछुआ समाज के भाइयों बहनों के आशीर्वाद के फलस्वरूप प्रदेश में सत्तासीन हुयी हैं इसलिए उसे मछुआ हितों का सदैव स्मरण है | समाज के बंधू कोई भी ऐसा कमेन्ट या बयान न दें जिससे हमारा होता हुआ काम अटक जाए और दूसरी पार्टियां इस पर राजनीति शुरू कर दें | याद रखें साथियों ! समाज के आरक्षण सम्बन्धी इस अति महत्वपूर्ण मुद्दे का हल निकलने का वक़्त अब आ चुका है |

गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

अब सचिन को न बहकाए फुसलाये कांग्रेस

यूपी विधान सभा चुनाव सहित कई राज्यों में करारी पराजय और सिर पर खड़े लोकसभा चुनाव में संभावित हार को भांपते हुए कांग्रेस अब नए जुगाड़ में है | दांव खेलना चाहती हैं सचिन तेंदुलकर के जरिये | लिहाजा डोरे डाल रही है सचिन पर |  सचिन को घोडा बनाकर कर कांग्रेसी नेता सवारी के चक्कर में है ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में सचिन को भी गोविंदा बनाकर गली गली नचाये और फायदा उठाये | ..........दरअसल कांग्रेस आरम्भ से ही लोकप्रिय व्यक्तित्वों को भुनाने की आदी रही है ताकि ऐन मौके पर भ्रष्टाचार की सताई जनता की  भावनाओं को पलट सके | इस कार्य में कांग्रेस नेहरु के ज़माने से सिद्ध हस्त भी रही है  | सदुपयोग के उपरान्त बेचारे महापुरुष बगलें ही झांकते नज़र आये और गुमनाम होकर रह गए  | नज़र दौडाएं .....तो राजेश खन्ना से लेकर सुनील दत्त तक ......मनोज प्रभाकर से लेकर असलम शेर खान ....नवाब मंसूर अली खान पटौदी सहित दर्जनों नाम हैं जो कि चुनावी इस्तेमाल की कांग्रेसी साजिश का शिकार होकर रह गए |
विश्व में लोकप्रियता के शिखर पर विराजमान सचिन तेंदुलकर निसंदेह प्रतिभावान खिलाडी हैं और फिलहाल कई वर्षों तक उनकी कांग्रेस से ज्यादा देश को आवश्यकता है और पूरी तरह फिट सचिन अभी कई वर्ष और क्रिकेट खेलकर देश का नाम रोशन कर सकते हैं | अभी कई कीर्तिमान और बनाने है सचिन को ....सो भगवान् के लिए कांग्रेस सचिन को बख्शे भाई और किसी अन्य को तलाशे जो डूबती कांग्रेसी नैय्या का खेवनहार बनने का साहस जुटा सके |

गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

मुख्यमंत्री का जनता दरबार : जन समस्याओं से जूझने का बेमिसाल जज्बा

उत्तर प्रदेश में मुसलसल पांच साल तक जन समस्याओं से विमुख रही और चाटुकारों की भजन मंडली से पूर्णतः घिरी रही पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के सत्ताच्युत होने के पश्चात पांच साल बाद पहली बार आयोजित हुए मुख्यमंत्री जनता दरबार में आज भारी भीड़ टूट पड़ी | भीड़ का आलम ये था कि हर कोई अपनी समस्या माननीय मुख्यमंत्री को मिल कर बता देना चाहता था और अपनी समस्या से छुटकारा पाना चाहता था | माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी द्वारा भी सभी समस्याओं को व्यक्तिगत रूप सुनने के पश्चात् सम्बंधित अधिकारियों को निराकरण की दिशा में ठोस, आवश्यक एवं उचित कार्रवाही का करने का निर्देश जारी किया गया | अपनी अपनी शिकायतों का अम्बार लेकर मुख्यमंत्री जनता दरबार आज में प्रदेश के कोने कोने से भारी भीड़ पहुंची | जनता दरबार से लौटते हुए प्रसन्न एवं संतुष्ट फरियादियों द्वारा बताया गया कि पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री द्वारा जनता दरबार बंद कर दिया गया था फलस्वरूप अधिकारी बेलगाम हो गए थे और अपनी मनमानी पर उतारू थे फलस्वरूप जनता जनार्दन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था और स्वयं को असहाय महसूस करते लोगों की प्रार्थना सुनने वाला भी कोई नहीं था जो अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगा सके औए इन्साफ कर सके |
सत्ता परिवर्तन के उपरान्त आज पुनः पांच वर्ष के पश्चात आरम्भ हुए  प्रथम मुख्यमंत्री जनता दरबार में टूट पड़ी भारी भीड़ को देख कर अंदाजा हो रहा था कि आज भी लोग सिर्फ इन्साफ के लिए भटक रहे हैं | अधिकाँश फरियादियों की समस्याएँ पिछले पांच सालों में हुए ज़मीनों पर अवैध कब्ज़े को लेकर रही | साथ ही झूठे मुक़दमे झेल रहे लोगों में भी मुख्यमंत्री जी से न्याय की बड़ी आस रही | इसके अतिरिक्त बसपा सरकार के दबाब में गुंडों का संरक्षण करते हुए आम जनता के मुक़दमे न लिखे जाने और नौकरियों के नाम पर बसपा नेताओं सहित पूर्व दर्जा राज्यमंत्रियों द्वारा अपनी अपनी बिरादरियों से अकूत पैसा वसूलने की भी सैकड़ों शिकायते मिलीं | माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी द्वारा सभी शिकायतों पर व्यापक जांच एवं कार्रवाही करने का आश्वासन मिलने पर मुरझाये चेहरों पर खुशियाँ बरस पड़ी और आश्वस्त लौटते परेशां हाल लोगों ने बताया कि तडके सुबह से भूख प्यास बर्दाश्त किये बैठे लोगों को जब पहली बार सूबे के मुखिया से मुखातिब होकर अपनी बात कहने का मौका मिला तो उनकी सब परेशानियाँ गौण हो गयीं | अनुमान के मुताबिक़ अगले मुख्यमंत्री जनता दरबार में और ज्यादा भारी भीड़ जुटने का अंदाजा है |

रविवार, 15 अप्रैल 2012

सख्ती से कुचलेगी सरकार ऐसे प्रयासों को :मायावती का बयान कुंठाजनित

यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में बुरी तरह पिट कर सत्ताच्युत मायावती ने कल अम्बेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में अपनी खीझ उतारी । अत्यंत सादे और फींके कार्यक्रम में मायावती ने बहुजन नायकों के पार्कों से छेड़छाड़ सम्बन्धी बात कहते हुए कानून व्यवस्था बिगड़ने की बात कही।
मायावती शायद भूल रही हैं ..... अब वो प्रदेश की मुख्यमंत्री नहीं है । इसलिए कानून व्यवस्था को बरक़रार रखने जिम्मेवारी हमारी सरकार की है और मूर्तियों से छेड़छाड़ के झूठे आरोपों के जरिये यदि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिशे हुई तो सरकार सख्ती से ऐसे सभी प्रयासों को कुचलने को तत्पर रहेगी और कोई रियायत किसी दशा में नहीं की जायेगी ।
मायावती को समझना चाहिए कि माननीय मुख्यमंत्री श्री  अखिलेश यादव जी पहले ही उदघोषित कर चुके हैं कि किसी भी महापुरुष कि मूर्ति से यहाँ तक कि मायावती और उनके जिन्दा माँ-बाप कि मूर्तियों को भी तोडा या शिफ्ट नहीं किया जाएगा बल्कि पार्कों की बेकार पड़ी भूमि का सदुपयोग समाजोपयोगी कार्यों जैसे शिक्षण संस्थाएं -अनाथ आश्रम, विधवाश्रम आदि बनाने में किया जाएगा जिसके लिए सरकार सक्षम और कृतसंकल्पित है।
ऐसी दशा में ,जब सरकार की तरफ से सब कुछ स्वयं ही स्पष्ट है, यह बात कहकर दलित समाज को बरगलाना कि बसपा सरकार में बने पार्कों और मूर्तियों से छेड़छाड़ पर कानून व्यवस्था बिगड़ जायेगी  , बिलकुल गलत, हास्यास्पद और उकसाने वाला बयान है जिसमे दम कम और राजनैतिक गंध ज्यादा है ।

मंगलवार, 10 अप्रैल 2012

मूलनिवासी हम निषाद हैं !!

हम हैं जल जंगल के वासी
हम भारत के आदि निवासी
सबसे अलग हैं, निर्विवाद हैं
मूलनिवासी हम निषाद हैं
आपसे क्या मतलब जनाबे आली |

नदियाँ पर्वत हमने छाने
नहीं दासता को हम माने
खुला आसमाँ ठौर हमारा
बागी बीता दौर हमारा
सभी यातनाएं हमें याद हैं
मूलनिवासी हम निषाद हैं
आपसे क्या मतलब जनाबे आली |

हम सागर के पुत्र कहाए
हम जलजीत सदा कहलाये
कुदरत का हर ज्ञान हमें था
प्राकृतिक वरदान हमें था
हम मिटटी में रमें हुए हैं
अपनी जड़ में जमें हुए हैं
खुद ही अपना पानी खाद हैं
मूलनिवासी हम निषाद हैं
आपसे क्या मतलब जनाबे आली |