गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

मुख्यमंत्री का जनता दरबार : जन समस्याओं से जूझने का बेमिसाल जज्बा

उत्तर प्रदेश में मुसलसल पांच साल तक जन समस्याओं से विमुख रही और चाटुकारों की भजन मंडली से पूर्णतः घिरी रही पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के सत्ताच्युत होने के पश्चात पांच साल बाद पहली बार आयोजित हुए मुख्यमंत्री जनता दरबार में आज भारी भीड़ टूट पड़ी | भीड़ का आलम ये था कि हर कोई अपनी समस्या माननीय मुख्यमंत्री को मिल कर बता देना चाहता था और अपनी समस्या से छुटकारा पाना चाहता था | माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी द्वारा भी सभी समस्याओं को व्यक्तिगत रूप सुनने के पश्चात् सम्बंधित अधिकारियों को निराकरण की दिशा में ठोस, आवश्यक एवं उचित कार्रवाही का करने का निर्देश जारी किया गया | अपनी अपनी शिकायतों का अम्बार लेकर मुख्यमंत्री जनता दरबार आज में प्रदेश के कोने कोने से भारी भीड़ पहुंची | जनता दरबार से लौटते हुए प्रसन्न एवं संतुष्ट फरियादियों द्वारा बताया गया कि पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री द्वारा जनता दरबार बंद कर दिया गया था फलस्वरूप अधिकारी बेलगाम हो गए थे और अपनी मनमानी पर उतारू थे फलस्वरूप जनता जनार्दन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था और स्वयं को असहाय महसूस करते लोगों की प्रार्थना सुनने वाला भी कोई नहीं था जो अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगा सके औए इन्साफ कर सके |
सत्ता परिवर्तन के उपरान्त आज पुनः पांच वर्ष के पश्चात आरम्भ हुए  प्रथम मुख्यमंत्री जनता दरबार में टूट पड़ी भारी भीड़ को देख कर अंदाजा हो रहा था कि आज भी लोग सिर्फ इन्साफ के लिए भटक रहे हैं | अधिकाँश फरियादियों की समस्याएँ पिछले पांच सालों में हुए ज़मीनों पर अवैध कब्ज़े को लेकर रही | साथ ही झूठे मुक़दमे झेल रहे लोगों में भी मुख्यमंत्री जी से न्याय की बड़ी आस रही | इसके अतिरिक्त बसपा सरकार के दबाब में गुंडों का संरक्षण करते हुए आम जनता के मुक़दमे न लिखे जाने और नौकरियों के नाम पर बसपा नेताओं सहित पूर्व दर्जा राज्यमंत्रियों द्वारा अपनी अपनी बिरादरियों से अकूत पैसा वसूलने की भी सैकड़ों शिकायते मिलीं | माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी द्वारा सभी शिकायतों पर व्यापक जांच एवं कार्रवाही करने का आश्वासन मिलने पर मुरझाये चेहरों पर खुशियाँ बरस पड़ी और आश्वस्त लौटते परेशां हाल लोगों ने बताया कि तडके सुबह से भूख प्यास बर्दाश्त किये बैठे लोगों को जब पहली बार सूबे के मुखिया से मुखातिब होकर अपनी बात कहने का मौका मिला तो उनकी सब परेशानियाँ गौण हो गयीं | अनुमान के मुताबिक़ अगले मुख्यमंत्री जनता दरबार में और ज्यादा भारी भीड़ जुटने का अंदाजा है |

3 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा प्रयास है लेकिन मुख्यमंत्री जी को जनता दरबार को गंभीरता पूर्वक लेना होगा और प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाही सुनिश्चित करनी होगी तभी जनता दरबार की सार्थकता प्रमाणित होगी

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  2. मेरा कहा सच तो हुआ और देश के सबसे बड़े प्रदेश मैं एक कामयाब सरकार आज अपने काम कर रही है आज सरकार पुरे १०० दिन की हो गयी है, विरोधी अपनी टिप्पड़ियाँ दे तो रहे हैं मगर वोह यह भी भूल रहे हैं के पिछली सरकार के काले कारनामों के कारण ही प्रदेश की हालत इतनी खस्ता है और जिन अधिकारीयों के मुंह हरम की दौलत का खून लगा था उनको पहले तो तलाश करना ही एक बड़ा काम है सजा की बात तो बाद की है , मुझको यकीन है देश का सबसे बड़ा प्रदेश आने वाले ५ सालों मैं एक नया इतिहास युवा के ज़रिये ज़रूर लिखेगा, और प्रदेश मैं ही नहीं देश मैं जो आज़ादी के बाद तीन से बढ़कर दस परेशानियाँ कड़ी हुई हैं उनका खात्मा एक कानून से यह सरकार ज़रूर करेगी ?
    पहले देश मैं तीन परेशानियों रोटी कपडा और मकान को लेकर सरकार की थू थू होती थी ? आज देश प्रदेश मैं मैं सात नई परेशानियाँ बिजली, पानी, सड़क, गंदगी, शिक्षा, बेरोज़गारी और सबसे बड़ी हैं भिरष्टचार ?
    इन परेशानियों का एक कानून से निपटारा किया जा सकता है और अखिलेश जी की सरकार मुझको यकीन है इस पर अमल ज़रूर करेगी और देश मैं उत्तर प्रदेश एक उत्तम प्रदेश का दर्जा हासिल करेगा ?

    एस ऍम फरीद भारती
    संपादक/ मानवाधिकार कार्यकर्ता
    http://zubankhol-bindasbol.blogspot.in/

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