सोमवार, 26 दिसंबर 2016

बसपा भाजपा नहीं चाहती थीं 17 जातियों को आरक्षण, लेकिन CM अखिलेश ने कर दिखाया

खनऊ । समाजवादी पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सपा के राष्ट्रीय महासचिव विशंभर प्रसाद निषाद ने कहा कि 22 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश की सरकार की कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से 17 जातियों ( केवट, मल्लाह, निषाद, कहार, कश्यप, धीवर, धीमर, बाथम, कुम्हार, प्रजापति, भर, राजभर, मछुआ, गोड़िया, मांझी, बिन्द, तुरहा ) जातियों को अनुसूचित जाति में परिभाषित करने के लिए प्रस्ताव पास कर इन जातियों को उनका हक दिलाने का काम किया है। इसके बाद अब प्रदेश में अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए शासनादेश जारी किया गया है। इस ऐतिहासिक फैसले से 17 जातियों के लोग मुख्यमन्त्री की जमकर तारीफ कर रहे हैं। हम मुख्यमंत्री को इस कदम के लिये हार्दिक बधाई देते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि सीएम अखिलेश यादव ने एक फैसले से तकरीबन एक करोड़ से अधिक लोगों को अपना मुरीद बना लिया है, जो अपने इस यशस्वी नेता को दोबारा सीएम बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इन सामाजिक रूप से पिछड़ी जातियों को आरक्षण की व्यवस्था देकर समाज के भविष्य को बदलने का काम किया है। जबकि वहीं बसपा ने 2007 में इस जारी शासनादेश को निरस्त करने काम किया। इतना ही नहीं बसपा ने इस आरक्षण को निरस्त करके केन्द्र से प्रस्ताव वापस मंगा कर यह साबित कर दिया कि वह केवट, बिन्द, मल्लाह, कुम्हार, राजभर की सबसे बडी दुश्मन हैं। बसपा ने हमेशा इन जातियों को धोखा देने का काम किया है। 

वहीं दूसरी तरफ जब मुख्यमंत्री ने वर्तमान सरकार में कई बार प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा तो भाजपा की मोदी सरकार ने वापस करने का काम किया। इससे मोदी सरकार ने यह सिद्ध कर दिया कि यह 17 जातियों के आरक्षण के घोर विरोधी हैं। इसलिए आज पूरे हिन्दुस्तान में राजभर, केवट, बिन्द, मल्लाह आदि 17 जातियों के मसीहा मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हैं। उन्होंने आरक्षण का लाभ देकर साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री की कथनी व करनी में कोई अन्तर नहीं है । 17 जातियों के लोग इस फैसले से खुश होकर यह संकल्प लेकर निकलेंगे कि 2017 के चुनाव में मुख्यमंत्री को पुनः बहुमत देकर मुख्यमंत्री बनाने का काम करेंगे।
उन्होंने  इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने पर मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा  कि आजादी के बाद न्यायोचित अधिकार देकर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक फैसला लेने का काम किया है। इस दौरान व्यास जी गोंड, डॉ अच्छे लाल निषाद, पप्पू लाल निषाद, रामदुलार राजभर,  रामपाल प्रजापति, विजय कश्यप, कुलदीप तुरैहा, कमल तुरैहा, दिलीप रैकवार आदि उपस्थित थे।