रविवार, 31 जुलाई 2011

सुब्रमण्यम स्वामी का मानसिक दिवालियापन

हाल में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट के तीन दिन बाद मुंबई के एक अंग्रेजी अखबार में छपे लेख में पूर्व केंद्रीयमंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने सुझाया है कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए और यहां गैर हिंदुओं से वोट देने का अधिकार छीन लेना चाहिए। उन्होंने कहा है कि मुस्लिमों या अन्या गैर हिंदू समुदाय के लोगों को वोट देने का अधिकार तभी होना चाहिए जब वे गर्व से यह बात मानें कि उनके पूर्व हिंदू थे। इस्लामी आतंकवाद से निपटने के अपने तरीके सुझाते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने ये बातें कहीं। 
समाजवादी पार्टी सुब्रमण्यम स्वामी के इस बयान की घोर निंदा करते हुए इसे राष्ट्रद्रोह मानती है और मुस्लिम और अन्य गैर हिंदुओं से वोट देने का अधिकार छीन लेने की वकालत करने वाले लेख पर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग करती है।
                            आये दिन टीवी पर मुंह फाड़ते नज़र आने वाले कांग्रेसी नेताओं ने स्वामी के इस बयान की आलोचना तो दूर, इस पर प्रतिक्रिया तक नहीं दी है | ताज्जुब ये है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने स्वामी के इस बयान का संज्ञान तक नहीं लिया है  कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए।

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