सोमवार, 1 अगस्त 2011

आरक्षण की इस घोर विसंगति का क्या कारण है ?

कोई ज्ञानी पुरुष यदि जानकारी रखता हो तो बताने की कृपा करे|

1-दिल्ली का मोची जाति का व्यक्ति यूपी माइग्रेट होने पर किस जाति में गिना जायेगा ? जबकि यूपी में मोची जाति पिछड़ी में है |
2-यदि कोई मुस्लिम धोबी धर्म परिवर्तन कर हिन्दू बन जाता है तो वो धोबी जाति का कौन सा प्रमाणपत्र लेगा SC का या BC का और क्यों ?

3-यूपी की SC की सूची में एक ही जाति के नाम के आगे चार चार पर्यायवाची या उपजातियों का व्यौरा क्यों ?
4-पंजाब के आदि धर्मी या सिकलीगर जाति के लोग यूपी माइग्रेट होने पर किस जाति का प्रमाण पत्र यूपी सरकार से लेंगे क्योंकि दोनों में से कोई भी जाति यूपी की SC/BC/ST सूची में नहीं है | या फिर अपना जाति प्रमाण पत्र लेने पंजाब दौड़ लगायेंगे | और अगर पंजाब से ले भी आये तो क्या यूपी सरकार ...उसे मानेगी ? या इन्हें General घोषित कर कर देगी ?

5-मध्य प्रदेश का कुम्हार जाति का व्यक्ति जो SC में आता है ,यूपी माइग्रेट होने पर क्या माना जायेगा ?

6-गोंड जाति यूपी के १३ जनपदों में ST है , शेष यूपी में SC क्यों ?

7-गोंड जाति के ST प्रमाण पत्र पर कोई व्यक्ति आगरा में भर्ती तो हो सकता लेकिन अपने बच्चों के ST प्रमाण पत्र आगरा से नहीं ले सकता| पहले तो जारी ही नहीं होंगे और पिता के प्रमाण पत्र के आधार पर जारी हुए तो SC के | ये क्या मजाक है ?

8-दिल्ली राज्य का निवासी यूपी का मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है ?
9 -जमुना नदी के उस पार का भू भाग जो दिल्ली प्रदेश में आता है, वहां का मल्लाह मछुआ समुदाय अनुसूचित जाति में सूची बद्ध है और वह क्षेत्र जो उत्तर प्रदेश में आता है यानि आगरा एवं गाजिआबाद जिले का मल्लाह विमुक्त जाति में | 
          जब कि यूपी के शेष जिलों का मल्लाह अन्य पिछड़ा वर्ग में | आरक्षण की इस घोर विसंगति का क्या कारण है ?
ये मनगढ़ंत सवाल नहीं, बल्कि तमाचा हैं उन लोगों के मुंह पर, जो समता मूलक समाज और भाईचारा बनाओ कमेटी बना कर लोगों को उल्लू बना रहे हैं |

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