गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

यूपी में टी० ई० टी० घोटाला मायावती की शह पर

           यूपी में बेरोजगारों के साथ किये गए अब तक के सबसे बड़े छल की परतें एक एक कर उधड़ने लगीं है | माध्यमिक शिक्षा निदेशक की गिरफ्तारी से कई राज़ सामने आने के क़यास लगाये जा रहे हैं | अब पंचम तल पर बैठने वाले प्रदेश के सबसे ताक़तवर और मायावती के बेहद करीबी दो अधिकारियों के गिरेबान हाथ में आते ही प्रदेश सरकार की मुखिया का भी जेल जाना तय है | नियम विरुद्ध और नितांत गैरजिम्मेदाराना तरीके से निकाले गए विज्ञापन का जहाँ हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया वहीँ टी० ई० टी० परीक्षा करने का ठेका माध्यमिक शिक्षा विभाग को दिलाने में इसी अधिकारी की प्रबल भूमिका रही | विज्ञापन प्रकाशन के बाद बतौर सचिव मुख्यमंत्री इसने चयन के मानदंड भी चुपचाप बदल डाले | पहले इस परीक्षा को UGC /NET की तरह पात्रता  परीक्षा ही घोषित किया गया था फिर चहेतों को लगवाने और चुनावी मौसम में मोटी कमाई का जरिया बनाने के लिए इस परीक्षा के प्राप्तांकों को ही अंतिम मैरिट मानने का तुगलकी फरमान रातों रात जारी कर दिया गया।रोज़ रोज़ बदलते परीक्षा परिणामों और गलत प्रश्न पत्र ने जहाँ परीक्षा की साख को ठेस पहुंचाई वहीँ शिक्षा विभाग में पसरे मायाजाल को भी नंगा कर दिया | वस्तुतः ये अपने तरह की ऐसी पहली परीक्षा रही जिसमे ईमानदारी की बू  कहीं से भी और जरा सी भी नहीं आई । आयोजकों ने अपनी पौ बारह कर छीछालेदर कराई सो अलग ।
          मेरा व्यक्तिगत सुझाव है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सरकारी गवाह बना कर इस घोटाले का परदाफाश करायाजाये तो मायावती का जेल जाना निश्चित है | अन्यथा ऐसा भी हो सकता है कि NRHM घोटाले के आरोपियों डॉ सचान की तरह ये बेचारा भी जेल में ही में मारा जाये ,ठिकाने लगादिया जाये ।
          समाजवादी पार्टी का स्पष्ट मत है कि सत्ता में आते ही इस सम्पूर्ण टी० ई० टी० परीक्षा को निरस्त कर बेरोजगारों की भावना से खेलने वाले खिलाड़ियों को चाहे ,वो कितने ही बड़े क्यों न हों , उनके इस अनैतिक और अश्लील कृत्य की सजा अवश्य देगी |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें