सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

बसपा में मची भगदड़

विधान सभा चुनाव में बसपा की हार सुनिश्चित देख बसपाइयों ने पार्टी से किनारा करना शुरू कर दिया है | जैसे जहाज डूबने लगता है तो लोग उसमे से कूदने लगते हैं | वैसे ही बसपा में भी भगदड़ मच चुकी है | कारण; जनता का साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा गुस्सा , जिसका सामना करना फिलहाल बसपा के बस की बात नहीं | लूट ,बलात्कार ,गुंडई ,भ्रष्टाचार और घोर स्वजातिवाद के आरोप बसपा को सांस भी नहीं लेने दे रहे | प्रदेश में पांच वर्षों के कार्यकाल में मायावती के नेतृत्व में जिस प्रकार बसपा कार्यकर्ताओं ने जमकर लूट खसोट मचाई और प्रदेश को गहरे गड्डे में डाकने का काम बसपा के नेताओं ने किया तो अब चुनाव में जनता से मुंह दिखाए नहीं बन रहा हैं ।   पिछले एक सप्ताह में ही यानि प्रथम चरण के चुनाव के पश्चात से पूरे प्रदेश में लगभग दो हज़ार से ज्यादा लोग बसपा छोड़ कर अन्य दलों की शरण ले चुके हैं |
दर असल समाज को जातियों में बाँट कर और फिर उनमें फूट डाल कर शासन करने में बसपा सिद्ध हस्त रही है । इसी कारण प्रदेश को जातिवाद की घोर आग में झोंक कर मायावती अपनी और अपने माता पिता की मूर्तियाँ चौराहे चौराहे गाडती रही और समाज विकास को तरसता रहा मायावती ने अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश में एक भी उद्योग नहीं लगाया उल्टा अनेक  उद्योग प्रदेश से पलायन कर गए। मूर्तियों के कमीशन में मस्त मायावती ने उत्तर प्रदेश के विकास को पूरी तरह से नकार दिया । यही वजह है कि मायावती की चुनाव में दुर्गति की शुरुआत होता देख बसपाई अपने दल से निकल भागने लगे हैं। 
आज पूरे प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की लहर हैं और समाजवादी पार्टी अपनी स्पष्ट और जनहितकारी नीतियों की वज़ह सभी दलोंसे निर्णायक बढ़त ले चुकी है | बसपा के गुंडाराज ,जंगलराज ,भ्रष्टाचार और घनघोर जातिवाद से आजिज जनता नेता जी मुलायम सिंह यादव जी की ओर हसरत भरी निगाह से देख रही है। अंतिम चरण के चुनाव के बाद प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनना तय है |

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