शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

माया का चुनाव आयोग विरोध गलत

                      चुनाव आयोग के निर्णय के विपरीत जाकर मायावती ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी निष्ठां संविधान और आयोग में कदापि नहीं है | आयोग के निर्णय की मुखालेफत एक गलत शुरुआत तो है ही, ये प्रमाणित  करती है कि मायावती तानाशाही की जिन्दगी गुज़ार रही हैं और भूल चुकी है कि लोकतंत्र भी कोई चीज़ है | कोई सतीश मिश्र को समझाए कि हर जगह वकालत झाड़ना और अनावश्यक प्रतिभा प्रदर्शन कतई अनुचित है | चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है ,उसकी जिम्मेदारी है कि सभी प्रत्याशी , चाहे वो सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के या फिर कमज़ोर और निर्दलीय हों ,सबको समान अवसर और संसाधनों के अधीन चुनाव लडवाए  | ये सच है कि सरकारी और जनता के पैसों से सरकारी जगह पर मायावती ने अपने चुनाव चिन्ह हाथी की सैकड़ों , अपनी और अपने माता पिता की दर्ज़नों मूर्तियाँ गडवायीं हैं | अब  उसके हाथी ढके जाने के निर्णय को लेकर विभिन्न दलों सहित आम जनमानस में बेहद प्रसन्नता है और लोग आयोग के निर्णय को विवेकपूर्ण और निष्पक्ष बताते नहीं थक रहे |
                मायावती को सोचना चाहिए कि जिस हाथी को वो दलित अस्मिता और स्वाभिमान से जोड़ कर चुनाव आयोग पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा रही हैं ,वो हास्यास्पद के साथ साथ बचकाना भी है| अब भला हाथी से दलित अस्मिता और स्वाभिमान का क्या लेना देना ? हाथी के स्वभाव और चरित्र का विश्लेषण करें तो हाथी स्वयं में दलित विरोधी है | हाथी ताक़त, गुरूर, नशा,पागलपन, सत्ता , अहंकार , बेफिक्री , मदमस्ती और रौंदने - कुचलने के लिए जाना जाता रहा है , पुराने जमाने में हाथी के पैरों तले लोगों को कुचलने की कथाओं से इतिहास भरा पड़ा है | और दलित भी इसी प्रकार रौंदे और कुचले जाते रहे | ताक़त, गुरूर, नशा,पागलपन, सत्ता , अहंकार , बेफिक्री , मदमस्ती और रौंदने - कुचलने जैसे विशेषणों से दलितों का कभी कोई वास्ता नहीं रहा , उल्टा शोषण ,अत्याचार, उत्पीडन, गरीबी ,बेरोजगारी, कुपोषण,अशिक्षा ,भय भूख और  भ्रष्टाचार से सर्वथा सताए गयें है दलित समाज के लोग | अतः  हाथी सवर्णवादी मानसिकता और दलित विरोधी स्वभाव का हुआ | इति सिद्धम।।
            मेरे हिसाब से तो ये बसपा का चुनाव चिन्ह होना ही नहीं चाहिए था | पता नहीं मायावती क्या खा कर इसे दलित अस्मिता और स्वाभिमान से जोड़ रही हैं | अलबत्ता मायावती की सोच शायद सही भी हो और उसी वजह से शायद हाथी उन्हें पसंद भी हो क्योंकि ज्यादा खाने से उसका पेट बहुत विशाल होता है और वो देखने में सुन्दर भी नहीं होता |

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