गुरुवार, 12 जनवरी 2012

मूल निवासी हम हैं !!

हम हैं जल,जंगल के वासी |
हम भारत के आदि निवासी |
सबसे अलग हैं, निर्विवाद हैं |
मूल निवासी हम निषाद है |
आप से क्या मतलब !! जनाबे आली

हमने झरने, पर्वत छाने |
नहीं दासता को हम माने ||
खुला आस्मां ठौर हमारा |
बागी बीता दौर हमारा ||
आंधी पानी मीत हमारे |
आजीविका के यही सहारे ||
सब यातनाएं हमें याद हैं |
मूलनिवासी हम निषाद हैं ||
 
हम सागर के पुत्र कहाए
हम जलजीत सदा कहलाये
कुदरत का हर ज्ञान हमें था
प्राकृतिक वरदान हमें था
हम मिटटी में रमें हुए हैं
अपनी जड़ में जमें हुए हैं
खुद ही अपना पानी खाद हैं
मूलनिवासी हम निषाद हैं
आपसे क्या मतलब जनाबे आली |
आप से क्या मतलब !! जनाबे आली

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