शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

मुस्लिम आरक्षण की बजाय अल्पसंख्यक आरक्षण : कांग्रेस ने फिर ठगा मुस्लिमों को


ताज्जुब है !!!  
मुस्लिम आरक्षण की बजाय केंद्र सरकार अल्पसंख्यक आरक्षण दे रही है | ये माँगा किसने है ? अल्पसंख्यकआरक्षण में तो बौद्ध , जैन, ईसाई, सिख, पारसी वगैरह सब आ गए | मांग तो मुसलमानो को आरक्षण देने की थी | जस्टिस सच्चर कमिटी और रंग नाथ मिश्र कमिटी ने मुसलमानों की शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक दुर्दशा का अध्धयन करके आरक्षण हेतु अपनी संस्तुतियां दी थीं | वास्तव में केंद्र की कांग्रेस सरकार मुस्लिमों को आरक्षण न देकर सम्पूर्ण अल्पसंख्यकों को दे रही है | जिसका देना न देना एक जैसा ही है | यही तो है कांग्रेस का असली चरित्र | दर असल कांग्रेस घटिया राजनीति पर उतर आई है और फिर से धोखा देने की तैयारी कर रही है | देश के बंटवारे की जिम्मेदार रही कांग्रेस अब मुस्लिम आरक्षण की मांग के आगे अल्पसंख्यक आरक्षण देकर अल्पसंख्यकों को आपस में लड़ना चाहती है | अब कांग्रेस बहाना बना रही है कि धर्म के नाम पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता | ये बात तो उस वक़्त सोचनी चाहिए थी जब मुस्लिम आरक्षण के लिए जस्टिस सच्चर कमिटी और रंग नाथ मिश्र कमिटियों का गठन किया था | अब कांग्रेस स्पष्ट करे कि ये आरक्षण वास्तव में किसका है , मुसलमानों का या सम्पूर्ण अल्पसंख्यकों का | 
सभी जातियां, चाहे वो किसी भी धर्म की क्यों न हों,यदि अपनी निर्योग्यता प्रमाणित करती हों, उन्हें किसी न किसी प्रकार का आरक्षण दिया जाना चाहिए और यदि आरक्षण में धर्म की बाध्यता है कि वो हिन्दू, सिख ,नव बौद्धों के लिए ही है, ईसाई या मुस्लिम के लिए नहीं , तो ये सरासर गलत है , विधिसम्मत तो हरगिज़ नहीं है | निसंदेह कहीं न कहीं इसके पीछे ठेकेदारी एवं जातिवादी दूषित मानसिकता छिपी हुयी है जो आरक्षण की मूल भावना के सर्वथा विपरीत है | 
समाजवादी पार्टी कि मांग है कि संविधान में संशोधन करके मुसलमानों के लिए OBC कोटे से अलग आरक्षण का प्रावधान करे ताकि समूची मुस्लिम कौम को आरक्षण का वास्तविक लाभ मिल सके | कोटे के अन्दर कोटा देने का प्रस्ताव तो खुद कांग्रेस इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा खारिज करा चुकी है 2001 में | मजे कि बात ये है कि उसे भी कांग्रेस के नेता अशोक यादव -संभल लोकसभा प्रत्याशी ने रद्द कराया था | 
 
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/#id=111729103032213786_49_2011-12-23

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