रविवार, 26 अप्रैल 2015

17 अति पिछड़ी जातियों का प्रस्ताव RGI व NCSC को

त्तर प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय मुलायम सिंह यादव की संकल्प बनीं 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल / पर्यायवाची परिभाषित करने हेतु केंद्र की मोदी सरकार ने फरवरी 2015 में बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में मेरे द्वारा पेश किये गए निजी विधेयक पर निर्णय लेते हुए इसे भारत के महारजिस्ट्रार और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की आवश्यक संस्तुति के लिए भेजा हैं । इसके लिए मैं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चन्द्र गहलौत एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी का भी हार्दिक आभारी हूँ ।
मानसून सत्र में यह मुद्दा आदरणीय मुलायम सिंह यादव जी ने बड़ी संजीदगी से उठाया था जिस पर कई सदस्यों ने लोकसभा में स्वयं को इस मुद्दे से सम्बद्ध कर इस विषय पर अपना समर्थन भी जताया था । शीतकालीन सत्र में लोकसभा में पुनः श्री धर्मेन्द्र यादव सांसद ने कई सहयोगी सांसदों के सहयोग से यह मुद्दा गरमाया । मैंने शीतकालीन सत्र में इसी आशय का निजी विधेयक रखा था , जो अपेक्षित समर्थन के अभाव में गिर गया । पुनः बजट सत्र में जद यू सांसद डॉ अनिल साहनी के साथ संयुक्त रूप से उत्तर प्रदेश की 17 जातियों के लिए संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जिस पर कार्रवाही हो रही है । 10 अप्रैल 1015 को उत्तर प्रदेश सरकार ने RGI द्वारा पूर्व में की गयी आपत्ति और पूछे गए औचित्य का भी सन्तोजनक जवाब केंद्र को प्रेषित कर दिया है ।
अगले चरण में मैंने निर्णय किया है कि सपा सहित एकीकृत जनता परिवार के सभी सांसदों एवं भाजपा के मछुआ सांसदों को जनभावनाओं से जुड़े इस मुद्दे पर सहमत करके भारत के महारजिस्ट्रार एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन श्री पी एल पूनिया जी से भेंट कर उन्हें संतुष्ट करते हुए इस पर प्रभावी कार्रवाही कराई जाये ।
आप सबकी शुभकामनाओं का आकांक्षी
विशम्भर प्रसाद निषाद
सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव
समाजवादी पार्टी

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