शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

माया का 700 करोड़ का पार्क : रुपयों की महाबर्बादी

शाह खर्ची का नायाब  नमूना है ये पार्क | जिस देश के आम आदमी की दिहाड़ी (दैनिक आय ) बीस रूपये हो | वहां रुपया पार्कों पर नहीं बल्कि जनता के विकास पर खर्च होना चाहिए | जनता की त्राहि त्राहि के बीच ऐसे लग्ज़ीरियस पार्कों का निर्माण जले पर नमक छिड़कने जैसा है |
1- 700 करोड़ से साढ़े तीन लाख गरीब लड़कियों की शादी हो सकती थी |
2- इस रकम से दो करोड़ चौंतीस  लाख बच्चों को एक साल तक छात्रवृत्ति दी जा सकती थी |
3- इस रकम से चालीस लाख परिवारों को एक वर्ष तक पेंशन दी जा सकती थी |
4- इस रकम से सात लाख परिवारों के कमाऊ सदस्य के मर जाने पर आर्थिक सहायता दी जा सकती थी |
5- इस रकम से बारह लाख गरीब परिवारों को एक साल तक मुफ्त अनाज दिया  जा सकता था | 
6- इस रकम से दो लाख गरीब आवासहीन परिवारों को मुफ्त मकान दिया जा सकता था |
7- इस रकम से प्रदेश के डेढ़ लाख किसानों का पचास हजार तक का ऋण माफ़ किया जा सकता था |
8- इस रकम से सहारनपुर से लखनऊ होते हुए गोरखपुर तक सड़क बनाई जा सकती थी |
9- इस रकम से प्रदेश में दस बड़ी फैक्ट्री खोली जा सकती थी |
10- इस रकम से प्रदेश के पाँच हज़ार बीमार उद्योगों को सहायता देकर चलाया जा सकता था |
11- इस रकम से प्रदेश के हर जिले में दो बड़े अस्पताल कुल 150  खोले जा सकते थे |
12- इस रकम से प्रदेश में 50  इंजीनियरिग कालेज खोले जा सकते थे |
13- इस रकम से प्रदेश में 50  मेडिकल  कालेज खोले जा सकते थे
14- इस रकम से 1000 आई टी आई खोले जा सकते थे |
15- इस रकम से प्रदेश में दो लाख नल लगाये जा सकते थे |
16- इस रकम से प्रदेश में बीस हज़ार किमी नहर बनाई जा सकती थी |
17- इस रकम से प्रदेश में 100  मद्दयम दर्जे के पुल बनाये जा सकते थे |
18- इस रकम से प्रदेश के 3000 गावों में विद्युतीकरण हो सकता था |
19- इस रकम से प्रदेश में 3000 नई बसें चलाई जा सकती थी |
मगर ये हो न सका |
                              मायावती ने अपनी बादशाहत का जलवा अफरोज रखने के लिए प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई फाइव स्टार पार्कों पर झोंक दी है | मगर बादशाहत के भुलावे में मायावती खुद भूल गयी है कि लोक तंत्र में जनता ही असली मालिक होती है जो मायावती की फिजूलखर्ची जल्द ही बंद करवा देगी |

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