सोमवार, 2 मई 2011

बिन लादेन तो मारा गया : इन लादेनों से कैसे निपटोगे ?

                          
अंततः लादेन मारा गया | अमेरिका खुश है , होना भी चाहिए | प्रफुल्लित, मुदित एवं हर्षित ओबामा कह रहे हैं कि Justice has been done, न्याय मिल चुका है | अमेरिका सहित विश्व में तबाही के जिम्मेदार व्यक्ति को सजा मिलनी ही थी और मिल भी गयी| लेकिन हमें ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है | हमारी समस्याएं ज्यों की त्यों हैं |
वस्तुतः मेरा मानना है कि आतंकवाद एक सामाजिक समस्या है और इसके मूल में व्यवस्था में व्याप्त  भ्रष्टाचार, गैर बराबरी और न्याय न मिलना या बहुत देर से मिलना जैसे कारण हैं | यदि इन तीनों मुद्दों पर कुछ खास तरह की रणनीति बना कर काम करें तो आतंकवाद को पनपने का कतई मौका नहीं मिलेगा | 
UP आकर देखिये ओबामा साहब, आपको हर दफ्तर में लादेन बैठा मिलेगा | सड़क चलते , उठते बैठते हर जगह आपको लादेन ही लादेन दिखाई पड़ जायेंगे | यहाँ तो साहब, भ्रष्टाचार को जैसे सरकारी मान्यता ही मिल गयी है
| शायद तभी तो कोई शख्स यहाँ जब तक रिश्वत दे नहीं देता , उसे यकीन ही नहीं हो पाता कि उसका काम हो पायेगा भी या नहीं | मानों रिश्वत देकर काम की गारंटी मिल गई हो | और मिले भी क्यूँ न साहब , जिस प्रदेश की मुखिया रुपये लेकर विधायकों को टिकट देती हो ,ऐसे लादेन से कैसे निपटोगे जनाब | यहाँ तो सरकारी नारा है -ला,  दे , न

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