मंगलवार, 14 जून 2011

ये कैसा कांग्रेसी गुरूर

                                                            ये कैसा कांग्रेसी गुरूर 
प्रिय मित्रों,
 कांग्रेस बौरा चुकी है | दिग्विजय तो बडबोले पन के लिए पहले ही मशहूर हैं | अब कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी भी जुबानी खर्च में पीछे नहीं हैं | प्रेस कांफ्रेंस में उनकी बानगी देखिये | आप फरमाते हैं - "इस देश को और इसके लोकतंत्र को सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों से है जो बाकायदा चुने हुए नहीं हैं और तानाशाही दिखा रहे हैं | ऐसे लोगों को कांग्रेस उनकी असलियत दिखा कर रहेगी" |
तो जनाब तिवारी साहब,-  कृपया अपना ज्ञान वर्धन कर लें , कांग्रेस हमेशा से ऐसे ही लोगों की पारखी रही है जो चुने जाने की हैसियत में नहीं होते | आपके प्रधानमन्त्री कौन से चुने हुए है | मनमोहन सिंह के दम पर कोई ग्राम प्रधान जीत कर नहीं आया आज तक | देश की कैबिनेट में एक दर्ज़न ऐसे कलंदर हैं जो ड्राइंग रूम पोलिटिक्स वाले चाटुकार हैं | अम्बिका सोनी से लेकर गुलाम नबी आज़ाद तक तमाम नाम ऐसे हैं जो कभी चुने ही नहीं गए | दरअसल देश की सियासत में चाटुकारिता , चरण वंदना और चेहरा चमकाऊ राजनीति की जनक कांग्रेस ही रही है , जिसने जनाधार वाले गंभीर और स्वाभिमानी जनप्रतिनिधियों को हमेशा पीछे धकेल कर रखा |

                               जनाधार वाले नेताओं का कांग्रेस क्या हश्र करती है ये जानने के लिए कोई कष्ट नहीं करना पड़ेगा | बस  स्व० जितेन्द्र प्रसाद, स्व० माधव राव सिंधिया, स्व० राजेश पायलट, स्व० नरसिम्हा राव, आरिफ मोहम्मद खान जैसे नामों का स्मरण करना पड़ेगा और अगर इतिहास उठा कर देखना चाहें तो सुभाष चन्द्र बोस एवं बाबा साहब डा० भीम राव अम्बेडकर जैसे बाकायदा चुने हुए लोगों पर हुए कांग्रेसी अत्याचारों को लोग आज भी भूले नहीं हैं | 
तो भाई तिवारी जी- मेरा मुफ्त परामर्श है कि अपने बडबोले कांग्रेसी प्रवक्ता भाई सत्यव्रत चतुर्वेदी जी के हश्र का पुनर्स्मरण कर लें ताकि आगे सुविधा रहे |

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