प्रिय मित्रो,
बुंदेलखंड रैली में प्रधान मंत्री डा० मनमोहन सिंह द्वारा पेयजल समस्या से निपटने के लिए की गयी मात्र 200 करोड़ की घोषणा न सिर्फ नाकाफी है बल्कि क्षेत्रीय जनता के साथ एक मजाक भी है | बुंदेलखंड के 7 जनपदों में इतनी कम धनराशि ऊँट के मुंह में जीरे के समान है | प्रति जनपद 28.5 करोड़ रुपया | इतना तो अच्छे भले प्रोजेक्ट की मरम्मत पर ही खर्च हो जाता है , फिर ये तो पेयजल जैसी जनोपयोगी योजना ठहरी | बेहतर होता कि ये धनराशि कम से कम 1000 करोड़ होती |
आखिर कब कांग्रेस जनता का मिज़ाज और ज़मीनी हकीक़त समझेगी ?
आखिर कब कांग्रेस जनता का मिज़ाज और ज़मीनी हकीक़त समझेगी ?
राहुल गाँधी कहते हैं कि गैर कांग्रेसी शासित राज्यों में समस्याएं ज्यादा हैं | उन्हें विदर्भ और तेलंगाना के मरते किसानों को नहीं भूलना चाहिए | उन्हें राजस्थान के पानी मांगते किसानों पर हुए लाठीचार्ज और अत्याचार को नहीं भूलना चाहिए | उन्हें दिल्ली में शीला सरकार की जन विरोधी नीतियों के सताए लोगों का भी स्मरण रहना चाहिए | शायद राहुल को उनके राजनैतिक टीचर ये बताना भूल गए होंगे कि भारत में भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस ही है, जिसकी नवीनतम प्रस्तुति 2G, CWG , राजा और कलमाड़ी जैसे बेशर्म है जो PMO से भी अपनी कुरबत स्वीकारने में नहीं हिचकिचाते |
आखिर क्या मुंह लेकर सोनिया राहुल UP चुनाव में उतरेंगे |
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